ओमान ने मंगलवार (17 दिसंबर 2024) को भारत में अंडों के लिए जारी होने वाले नये परमिट को बंद कर दिया, जिससे तमिलनाडु के नमक्कल में पोल्ट्री उद्योग को झटका लगा है. हाल ही में कतर ने भारतीय अंडों के वजन को लेकर भारत सरकार के सामने शर्तें रखी थी. डीएमके सांसद केआरएन राजेश कुमार ने मंगलवार को राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार से भारत से अंडे के आयात को फिर से शुरू करने के लिए ओमान और कतर के अधिकारियों के साथ चर्चा करने का आग्रह किया.


राज्यसभा में डीएमके सांसद ने उठाया मुद्दा


टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए डीएमके सांसद ने कहा, "मैंने पोल्ट्री किसानों और अंडा निर्यातकों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए भारत में ओमान और कतर के राजदूतों के साथ मीटिंग करने का अनुरोध किया है." रिपोर्ट के मुताबिक नमक्कल के एक अंडा निर्यातक और पशुधन और कृषि-किसान व्यापार संघ (LIFT) के महासचिव पीवी सेंथिल ने कहा कि ओमान की ओर से लगाए गए इन प्रतिबंधों के कारण कम से कम 15 करोड़ रुपये की एक बड़ी खेप फंसी हुई है.


पहले जून में परमिट देना बंद किया था


नमक्कल के अंडा व्यापारियों के अनुसार ओमान और कतर की कर्रवाई के कारण अंडा निर्यात कारोबार में काफी गिरावट आई है. नमक्कल का अंडा निर्यातक जून से मुश्किल दौर से गुजर रहा है, जब ओमान ने भारतीय अंडों के लिए आयात परमिट देना बंद कर दिया था. इसके बाद दूतावास स्तर पर कई बैठकें हुई, जिसके बाद ओमान ने फिर से सीमित परमिट के साथ आयात शुरू कर दिया था. इसके बाद अब ओमान ने फिर से भारतीय अंडों के लिए नए आयात परमिट जारी करना बंद करने का फैसला किया है.


राष्ट्रीय अंडा समन्वय समिति (NECC) के डेटा के अनुसार इस साल की शुरुआत में ओमान, कतर, दुबई, अबू धाबी, मस्कट, मालदीव और श्रीलंका सहित विभिन्न देशों को 11.4 करोड़ अंडे निर्यात किए गए थे, जिनमें से 50 फीसदी निर्यात ओमान का था. हालांकि, जून 2024 तक यह संख्या गिरकर सिर्फ 2.6 करोड़ रह गई थी.


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