नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक मुलाकात से दिल की दूरी कम नहीं होगी. फिर भी दिल्ली और दिल की दूरी कम करने की पहल अच्छी है. वहीं पाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पड़ोसी देश है, बातचीत भी होनी चाहिए और मुझे लगता है कि पाकिस्तान से बंद कमरे में बातचीत हो भी रही है.
बता दें हाल ही में महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि सरकार को कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'संविधान ने हमें जो अधिकार दिया है, जो हमसे छीना गया है. उसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर में एक मसला है. सरकार दोहा में तालिबान से बातचीत कर रही है. अगर जम्मू-कश्मीर में अमन लाना है तो उन्हें जम्मू-कश्मीर में बातचीत करनी चाहिए और मुद्दों के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी चाहिए.'
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से कहा कि अच्छा होता इस तरह की बैठक अगर 5 अगस्त 2019 से पहले भी बुलाई गई होती, क्योंकि जो फैसले लिए गए थे वो वहां के लोगों और चुने हुए नुमाइंदों की राय लिए बिना किए गए. लेकिन जो हुआ सो हुआ. हमें प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने अपनी बात रखने का मौका मिला. क्योंकि इस मीटिंग में कोई एजेंडा नहीं था इसलिए खुलकर हमने अपनी बातें सामने रखीं.
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री के सामने कहा कि 5 अगस्त 2019 को जो फैसला किया गया हम उसके साथ नहीं हैं. हम उस फैसले से समहत नहीं हैं. हम उसे कबूल करने के लिए तैयार नहीं हैं. लेकिन उस फैसले की मुखालफत में हम कानून को हाथ में लेने के लिए भी तैयार नहीं हैं. इस मुल्क से संविधान की तरफ से हमें जो इजाजत दी जाती है, अदालत का इस्तेमाल करने की, हम अदालत जाकर इस फैसले के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ेंगे.”
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