Omar Abdullah On J-K Circumstances:  जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में दिनों-दिन सुरक्षा हालात खराब होने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Former CM Omar Abdullah) ने कहा कि पर्यटन गतिविधियों और श्रीनगर के लिए उड़ानों की संख्या को संघ शासित प्रदेश में हालात सामान्य होने से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि डर की स्थिति ऐसी है कि कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़कर कश्मीर से भागने को तैयार हैं.


कश्मीरी पंडित राहुल भट की बडगाम के चादूरा में 12 मई को आतंकवादियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां पार्टी कार्यालय में अब्दुल्ला ने कहा, ''उड़ानें और पर्यटन हालात सामान्य होने का संकेत नहीं है. हालात सामान्य होने का मतलब है कि डर और आतंक नहीं होना चाहिए. कश्मीरी पंडितों को नहीं भागना चाहिए. वे अपनी नौकरियां छोड़ने को तैयार हैं. क्या यह सामान्य हालात है?''


कर्मचारी अपनी सीट पर मारा जाए ये सामान्य हालात नहीं है
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने न्याय पाने के उद्देश्य से गुपकर नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा, ''गुपकर नेताओं ने उपराज्यपाल से भेंट कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि वे (कश्मीरी पंडित) घाटी ना छोड़ें. यह सामान्य हालात नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''अगर कोई कर्मचारी अपने ही भीड़ भरे कार्यालय में अपनी ही सीट पर निशाना बन जाए, या पुलिसकर्मी अपने ही घर पर मारा जाए, अगर यह नया सामान्य हालात है, फिर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं.'' अब्दुल्ला ने कहा, ''मुझे तकलीफ हो रही है कि मासूम लोगों की एक के बाद हत्या की जा रही है. अल्पसंख्यकों की हत्या की जा रही है. पुलिसकर्मियों की हत्या की जा रही है.''


लोगों की कोई सुन नहीं रहा- उमर अब्दुल्ला
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं कहूंगा कि जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं कि चुनाव जल्द से जल्द हो जाएं. वे मौजूदा प्रशासन से तंग आ चुके हैं. वे चिंतित हैं. उनकी कोई नहीं सुन रहा है." उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला की उस टिप्पणी का समर्थन किया कि 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म ने घाटी में नफरत फैलाई है. उमर ने यह भी दावा किया कि कुछ कश्मीरी पंडितों ने उन्हें बताया है कि फिल्म ने समुदाय की घाटी में वापसी में एक बड़ी बाधा उत्पन्न की है. उमर ने अपने पिता की टिप्पणी के बारे में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजौरी में संवाददाताओं से कहा, "डॉ फारूक साहब ने कुछ गलत नहीं कहा है. उन्होंने सही बात कही है. आज लोग सच बोलने से डरते हैं."


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