(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Ordinance: 'जब आर्टिकल 370 हटा था, तब कहां थे अरविंद केजरीवाल', उमर अब्दुल्ला बोले- अब मांग रहे हमसे समर्थन
Omar Abdullah On Arvind Kejriwal: जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हमारा साथ कभी नहीं दिया.
Delhi Ordinance: केंद्र के अध्यादेश को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं. इसी बीच शनिवार (10 जून) को जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संजोजक केजरीवाल का समर्थन करने को लेकर कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के समय ये लोग कहां थे.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''मैं बार-बार इन लोगों को याद दिलाता हूं कि ये लोग जरूरत पड़ने पर हमारे दरवाजे जरूर खटखटाते हैं, लेकिन 2019 में जब 370 हटाया गया तो ये लोग (केजरीवाल) किधर थे.''
उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र की हत्या पर ये (केजरीवाल) लोग चुप रहे. हमारा पूरी तरह से साथ सिर्फ टीएमसी, डीएमके और लेफ्ट की पार्टियों ने दिया. इनके अलावा हमारा साथ किसी ने नहीं दिया है.
अरविंदे केजरीवाल किन-किन नेताओं से मिल चुके हैं?
अध्यादेश को लेकर आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के सीएम केसीआर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं.
इस दौरान इन सभी नेताओं ने अध्यादेश को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि उनकी पार्टियां राज्यसभा में इसके खिलाफ वोट करेगी. वहीं कांग्रेस ने अभी तक मामले पर अपना रुख साफ नहीं किया है.
#WATCH | Rajouri, J&K: Where was Arvind Kejriwal when Article 370 was scrapped? He supported the govt that time and today he is asking for support from other parties: NC Leader & former J&K CM Omar Abdullah on Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/B6oNlA7zV4
— ANI (@ANI) June 10, 2023
मामला क्या है?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है. इसके बाद केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई. बीजेपी ने इसके पीछे तर्क दिया कि दिल्ली देश की राजधानी है तो ऐसे में ये अध्यादेश जरूरी है.