जम्मू कश्मीर में BJP को रोकने के लिए उमर अब्दुल्ला ने सुझाया ये प्लान
सुप्रीम कोर्ट के जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने, राज्य के विभाजन, परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू करने की सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति का उमर अब्दुल्ला ने स्वागत किया है.
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और उसके सहयोगियों को सत्ता से दूर रखने के लिए गुप्कर गठबंधन (पीएजीडी) को जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने चाहिए. हालांकि उन्होंने इसे अपनी निजी राय करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझसे पूछता है तो मैं सुझाव दूंगा कि पीएजीडी को बीजेपी और उनकी ए और बी टीमों को दूर रखने के लिए आगे के चुनावों में एक साथ जाना चाहिए.
उमर ने कहा कि यह उनकी निजी राय है लेकिन अंतिम फैसला पीएजीडी को ही करना है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने, जम्मू-कश्मीर के विभाजन और उसके परिसीमन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू करने की सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति का उमर अब्दुल्ला ने स्वागत किया है.
उमर ने एससी के कदम का किया स्वागत
उमर ने कहा कि हम माननीय अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि कोविड के कारण ही इस मामले की सुनवाई में देरी हुई थी, हालांकि तीन साल की देरी के बाद ही सही अब इसकी सुनवाई शुरू हो गई है. हम सीजेआई के इस फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सीजेआई इस मामले में पांच जजों की बेंच का गठन करेंगे और सुनवाई फास्ट ट्रैक आधार पर की जाएगी.
फास्ट ट्रैक अदालत के इस फैसले पर उन्होंने कहा कि इस मामले में और देरी से जम्मू-कश्मीर पर जल्दबाजी में लिए जा रहे कई फैसलों को उलटना मुश्किल हो जाएगा. उमर ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर पर जल्दबाजी में लगाए जा रहे परिसीमन और अन्य फैसले अवैध हैं और हमने इन फैसलों को ही चुनौती दी हुई है.
रमजान के दौरान बिजली काटने का लगाया आरोप
रमजान के पवित्र महीने के दौरान कश्मीर में बिजली कटौती के बारे में उमर ने हैरानी व्यक्त की और कहा कि ऐसा लगता है कि हमें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा "मुझे आश्चर्य है कि दिन और रात के बाकी घंटों में बिजली क्यों रहती है लेकिन सहरी और इफ्तार के समय नहीं. आप सहरी खाने के लिए उठते हैं, बिजली नहीं है और इफ्तार के समय भी ऐसा ही होता है. तरावीह की नमाज के दौरान बिजली नहीं होती है और जब नमाज खत्म हो जाती है तो बिजली बहाल कर दी जाती है."
कश्मीर के लोगों को किया जा रहा है परेशान
उमर ने कहा, "यह कश्मीर के लोगों को जानबूझकर परेशान करने का एक प्रयास लगता है." वहीं हिजाब के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह धार्मिक दायित्व है और किसी को भी हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. ऐसा लगता है कि कर्नाटक को अब जम्मू-कश्मीर में आयात किया जा रहा है क्योंकि यहां सिर्फ एक मज़हब को निशाना बनाया जा रहा है.
इसके अलावा उमर ने देश में चल रहे माहौल पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में सिर्फ एक मजहब के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है और हिजाब के बाद अब खाने पीने, पहनावे और मजहबी मामलों को लेकर राजनीति हो रही है. उमर ने कहा "यह वह हिंदुस्तान नहीं है जिस के साथ हम मिले थे."