Omar Abdullah On Election: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए राज्य में चुनाव करवाने में हो रही देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया है. उमर अब्दुल्ला सोमवार (30 अक्टूबर) को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में पार्टी के कार्यक्रम के बाद मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव में हो रही अनिश्चितकालीन देरी पर उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''सभी जानते हैं कि जम्मू कश्मीर में अगले चुनाव अप्रैल या मई में होने हैं और उसके लिए हमारी पार्टी भी तैयारियों में जुट गई है, लेकिन जम्मू कश्मीर में स्थानीय-निकाय चुनाव को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है और विधानसभा चुनाव कब होंगे यह किसी को पता नहीं है.''
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सामने केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सभी चुनावों को कराने की बात कही थी, लेकिन अभी यहां कोई भी चुनाव नहीं हो रहे. हालांकि, देश के बाकी राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी लोकसभा चुनाव होने हैं, लेकिन वह होंगे या नहीं यह कोई नहीं जानता.
'दो लोगों को पता है कि चुनाव कब होंगे'
उमर अब्दुल्ला ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह उनकी मजबूरी है कि देश में चुनाव करना है और मुझसे पूछे तो देश में केवल दो लोगों को पता है कि चुनाव कब होंगे और होंगे भी या नहीं.
'इंडिया अलायंस में झगड़ा नहीं होना चाहिए'
इस दौरान उन्होंने इंडिया अलायंस के हालात पर चिंता जताई और कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी के बीच का झगड़ा गठबंधन के लिए खतरे की घंटी बन सकता है.
उन्होंने कहा, "आज इंडिया अलायंस की हालत खराब है और अंदरूनी झगड़े जो होने नहीं चाहिए थे, हो रहे हैं. खास तौर पर उन राज्यों में जहां चुनाव होने हैं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर हुआ विवाद इंडिया अलायंस के लिए ठीक बात नहीं है."
'हालात ठीक तो क्यों नहीं हो रहे चुनाव'
जम्मू कश्मीर के हालात पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी की ओर से ऐसी बातें की जारी हैं कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यहां हालात ठीक हुए हैं और अगर यह बातें ठीक हैं, तो प्रदेश में चुनाव क्यों नहीं हो रहे है.
पूर्व सीएम ने कहा, "कल ही श्रीनगर में एक पुलिस इंस्पेक्टर पर गोली चलाई गई. आज पुलवामा में एक घटना घटी और राजौरी जो हमारे जमाने में शांत था. वहां आए दिन एनकाउंटर जैसे हालात हैं. अगर यह ठीक हालात हैं तो हम क्या कह सकते है.
PAGD में दरार की खबरों को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैंने PAGD के खिलाफ कुछ नहीं बोला, लेकिन अगर ऐसे ही राजनीतिक हमले होते रहे तो मैं अपनी पार्टी के नेताओं को जवाबी बयान देने से नहीं रोक सकता. "