श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से कई बड़ी पार्टियों के बड़े नेता नजरबंद हैं. इन नेताओं में एक नाम नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का भी है. खबरों के मुताबिक, उमर अब्दुल्ला को अब उनके सरकारी घर में शिफ्ट किया जाएगा. कहा जा रहा है कि उन्हें आज ही ये राहत दी जाएगी. हालांकि वह नजरबंद ही रहेंगे.
6 अगस्त से नजरबंद हैं कई बड़े नेता
उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर में गुपकर रोड के सरकारी बंगले नंबर M-4 में शिफ्ट किया जाएगा. पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को दो भागों यानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की थी. तभी से घाटी के कई वरिष्ठ नेता नजरबंद हैं.
महबूबा मुफ्ती-फारूख अब्दुल्ला को नजरबंदी में राहत नहीं
बता दें कि उमर अब्दुल्ला के अलावा पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूख अब्दुल्ला भी नजरबंद हैं. इन दोनों नेताओं की जगह में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है. महबूबा अभी ट्रांसपोर्ट लेन स्थित एक सरकारी आवास में रह रहीं हैं. वहीं, फारूख अब्दुल्ला गुप्कर रोड पर मौजूद एक सरकारी आवास पर नजरबंद हैं.
घाटी में पाबंदियों में दी जाने लगी है ढील
बता दें कि घाटी में पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यहां पाबंदियों में ढील दी जाने लगी है. 15 जनवरी से जरूरी सेवा देने वाले संस्थानों में ब्रॉडबैंड सेवा बहाल कर दी गई. इतना ही नहीं कई इलाकों में 2G इंटरनेट सेवा भी चालू हो गई है. इंटरनेट सेवा प्रदाता आवश्यक सेवाओं वाले सभी संस्थानों, अस्पतालों, बैंकों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में ब्रॉडबैंड सुविधा (मैक बाइंडिंग के साथ) प्रदान करेंगे. पर्यटन की सुविधा के लिए, ब्रॉडबैंड इंटरनेट होटलों और यात्रा प्रतिष्ठानों को प्रदान किया जाएगा.
36 केंद्रीय मंत्री करेंगे जम्मू-कश्मीर का दौरा
केंद्र और स्थानीय प्रशासन स्थिति को सामान्य बनाने के लिए तमाम कदम उठा रहा है. अब इसी सिलसिले में 36 केंद्रीय मंत्री अलग-अलग दिनों में जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे. ये मंत्री जम्मू-कश्मीर के लोगों को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने के सकारात्मक प्रभावों और क्षेत्र के लिए सरकार के विकास कदमों के बारे में बताएंगे. इसके पीछे केंद्र सरकार का मकसद है कि जम्मू कश्मीर में जिस तरह की गलत अफवाहें फैलाई गई हैं या फैलाई जा रही हैं उन पर लगाम लगाई जा सके और जम्मू कश्मीर का समुचित विकास किया जा सके.
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