Omicron Variant: क्या PCR टेस्ट से कोरोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है? जानिए WHO ने क्या कहा
Omicron Variant: ओमिक्रोन वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि 24 नवंबर को हुई थी. इस वायरस के सबसे पहले मरीज की पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई थी.
Omicron Covid Variant: कोरोना के नए वेरिएंट ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना के नए म्यूटेशन B.1.1529 को WHO ने ओमिक्रोन का नाम दिया है. ओमिक्रोन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच केंद्र सरकार ने 'जोखिम' श्रेणी वाले देशों से आने वाले या उन देशों से होकर भारत पहुंचने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी है. लेकिन सवाल ये है कि क्या आरटी-पीसीआर टेस्ट से कोरोना के नए ओमिक्रोन वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है या नहीं? वर्ल्ड हेल्थ ऑग्रेनाइजेशन ने रविवार को इस पर ब्यान जारी किया है.
वायरस की जांच को लेकर WHO ने कहा है कि मौजूदा वक्त में SARS-CoV-2 PCR इस वेरिएंट को पकड़ने में सक्षम है. पीसीआर टेस्ट ओमिक्रोन के साथ संक्रमण का पता लगा सकते हैं. हालांकि यह निर्धारित करने के लिए अध्ययन जारी है कि क्या रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट सहित अन्य प्रकार के परीक्षणों पर कोई प्रभाव पड़ता है. डब्ल्यूएचओ ने ये भी कहा कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या ओमिक्रोन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अधिक तेजी से फैलता है या नहीं. नए संस्करण के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन में निष्कर्ष पर पहुंचने में कई सप्ताह लगेंगे.
क्या है लक्षण?
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (एनआईसीडी) की ओर से बताया गया है कि ओमिक्रोन वेरिएंट वायरस अगर आपके शरीर में आता है तो इसके कुछ विशेष लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं. एनआईसीडी के मताबिक यह भी कहा गया है कि डेल्टा की तरह ओमिक्रोन से संक्रमित हुए कुछ लोग भी एसिम्टोमेटिक थे. ऐसे में एनआईसीडी ने माना कि ओमिक्रोन से संक्रमित व्यक्ति में कोई अलग तरह के लक्षण दिखाई नहीं दिए थे.
कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इसकी संक्रमण की दर बहुत तेज हो सकती है और मरीजों में गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस नए वेरिएंट में कई 10 म्यूटेशन हो सकते हैं. म्यूटेट होने का मतलब है कि वायरस के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव होना.
वहीं दूसरी ओर फाइजर एंड बायोटेक, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनेका सहित प्रमुख वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने शुक्रवार को कहा कि वे अपने शॉट्स को वायरस के एक नए और अत्यधिक तेज म्यूटेंट स्ट्रेन के प्रति प्रभावशाली होने के बारे में जांच का काम कर रहे हैं.