AirForceDay: जानें क्यों दुश्मन परेशान, दुनिया हैरान है हमारी वायुसेना की ताकत से
भारतीय वायु सेना की स्थापना को आज 86 साल पूरे हो गए हैं. अपने 86 साल के इतिहास में वायु सेना देश की सीमा के अंदर हो या बादर हर तरह की मुश्किलों का सामना जिस तरह किया है उसकी नजीर दुनिया में दूसरी नहीं मिलती है. भारतीय वायु सेना का ध्येय वाक्य है "नभःस्पृशं दीप्तम्" जिसका मतलब है "आप का रूप आकाश तक दमक रहा है."
AirForceDay: भारत की वायु सेना के स्थापना को आज 86 साल पूरे हो गए हैं. भारतीय वायु सेना की आज ही के दिन (8 अक्टूबर 1932) में आधिकारिक रूप से स्थापना हुई थी. आजादी के पहले तक भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयरफोर्स कहा जाता था. भारतीय वायु सेना को आज दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेना में शामिल किया जाता है. भारत की आजादी से लेकर आज तक के इतिहास में जब भी भारत को युद्ध का सामना करना पड़ा या फिर कोई प्राकृतिक आपदा हो भारतीय वायु सेना हमेशा इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा सबसे आगे रहती है.
दुनिया को हैरान करती है वायु सेना की ताकत
भारत की वायु सेना के पास 676 फाइटर एयरक्राफ्ट, 857 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 809 अटैक एयरक्राफ्ट, 323 ट्रेनर एयरक्राफ्ट, 16 अटैक हेलिकॉप्टर समेत कुल 666 हेलिकॉप्टर हैं. भारतीय सेना की ताकत की बात करें तो इस वक्त भारत के पास ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट के रूप में पर्सिवल प्रेंटिस, एच. टी-2, हार्वार्ड स्पिटफायर, टाइगर मॉथ, वैंपायर और डाकोटा जैसे विमान हैं.
वहीं लड़ाकू विमान की बात करें तो भारत की सेना में स्पिटफायर, टेंपीट, वैंपायर, तूफानी, हंटर और नैट किसी भी दुश्मन के पांव जमीन से उखाड़ सकते हैं. भारत के बॉम्बर्स एयरक्राफ्ट पर नजर डालें तो लिबरेटर और कैनबरा आसमान से ही दुश्मन के किले को ढहाने में सक्षम हैं. वहीं ट्रांसपोर्ट एयरक्राप्ट के रूप में डाकोटा, डीवान सी-119, बॉक्सकार, ऑटर्स, वाइकाउंट, इलिशिन और पैकेट हर मुश्किल हालात में मदद पहुंचाने के लिए तैयार रहते हैं. टोह लेने वाले विमानों की बात करें तो स्पिटफायर, ऑस्टर और हार्वार्ड जैसे विमान 24 घंटे दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखते हैं.
जब भारतीय वायु सेना को कहा जाने लगा "सबरे का कातिल"
जब 1962 में चीन से हारने के बाद भारत की हार पर विशलेषण करते हुए हेंडरसन ब्रुक्स-भगत की रिपोर्ट जारी हुई थी तब 190 पेज की इस रिपोर्ट को साल 2014 ऑस्ट्रेलिया के पत्रकार नेविले मैक्सवेल ने इंटरनेट पर अपलोड किया. मैक्सवेल युद्ध के वक्त द टाइम्स लंदन के भारत में पत्रकार के तौर पर मौजूद थे. मैक्सवेल ने अपनी जो रिपोर्ट पेश की उसमें बताया गया कि अगर भारत अपनी वायु सेना का सही ढंग से इस्तेमाल करता तो शायद युद्ध का परिणाम कुछ और होता.
1965 में भी भारत-पाक युद्ध के वक्त पाकिस्तान सेना के स्पेशल विमान "सबरे" पर भारतीय वायु सेना ने इस तरह हमला किया था कि भारत की वायु सेना को "सबरे का कातिल" कहा जाने लगा था. 1971 के युद्ध में भी भारत ने 29 पाकिस्तानी टैंकों, 40 ए.पी.सी और एक ट्रेन को नष्ट कर दिया था. पाकिस्तानी सेना के समर्पण से पहले वायु सेना ने पाकिस्तान के 94 लड़ाकू विमानों को मार गिराया था.
करगिल में 18 हजार फीट की ऊंचाई से पाक सेना के पांव उखाड दिए
भारतीय वायु सेना का ध्येय वाक्य है "नभःस्पृशं दीप्तम्" जिसका मतलब है "आप का रूप आकाश तक दमक रहा है". भारत की वायु सेना की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय वायु सेना को दुनिया की 5 सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में शामिल किया जाता है.
भारत की सेना के पास लगभग 1,70,000 जवान और लगभग 1350 लड़ाकू विमान हैं. भारतीय सेना की ताकत का एक नजारा तब देखने को मिला जब करगिल युद्ध के दौरान वायु सेना ने 18 हजार फीट की उंचाई से दुश्मन को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया था.
हमेशा विश्व शांति के लिए समर्पित
दुनिया की इतनी बड़ी ताकत होने के बावजूद भी भारतीय सेना अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझती है. भारतीय वायु सेना कभी भी अपने दुश्मन पड़ोसी देशों की तरह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं करती हैं.
भारत की वायु सेना ने हमेशा अपनी ताकत का इस्तेमाल विश्व में शांति स्थापित करने के लिए किया है. फिर चाहे कांगो युद्ध हो, गोवा मुक्ति संग्राम, बांग्लादेश मुक्ति युद्ध या फिर करगिल वॉर, वायु सेना ने हमेशा अपनी ताकत का प्रदर्शन संयमित तरीके से ही किया है. अपने ध्येय वाक्य की तरह ही भारतीय वायु सेना का रूप आकाश तक दमकता है.