नए कृषि सुधार संबंधी कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच संसद में लगातार इसके पक्ष और विपक्ष में तर्क दिए जा रहे हैं और हंगामा भी खूब हो रहा है. इस बीच केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने बेहद खास अंदाज में कृषि बिल के समर्थन में शुक्रवार को एक कविता सुनाई. इस कविता के बहाने उन्होंने किसान आंदोलन के बहाने विरोध कर रहे विपक्षी दलों का मुंह बंद करने की भी कोशिश की.


रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास अठावले ने राज्यसभा में कहा- "किसान बिल जो कहते है काला है, मै कहता हूं बिल तो उजाला है, क्या जो कहते हैं बिल काला है, उनके मुंह पर लगाना ताला है."


केन्द्रीय मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि मराठा, जाट, राजपूत और ठाकुर समुदाय के लोग महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और यूपी में रिजर्वेशन चाहते हैं. क्षेत्रीय समुदाय की बहुत बड़ी आबादी है. जिस तरह से 10 फीसदी रिजर्वेशन आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को दिया गया है उसी तरह से उन्हें भी दिया जाना चाहिए.


गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों पर विरोध कर रहे किसानों का राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर आंदोलन करते हुए शुक्रवार को 72वां दिन है. केन्द्र सरकार की तरफ से सितंबर महीने में तीन कृषि सुधार संबंधी कानूनों को विपक्षी दलों के विरोध के बीच पास कराया गया था. इन किसानों का कहना है कि इन कानूनों के जरिए सरकार मंडी व्यवस्था खत्म कर उन्हें उद्योगपतियों के भरोसे छोड़ना चाहती है. किसानों की मांग है कि सरकार इन तीनों कानूनों की वापसी के साथ ही एमएसपी को काननून का हिस्सा बनाए.


जबकि, सरकार का तर्क है इन नए कृषि कानूनों के जरिए देश के कृषि क्षेत्र में सुधार होगा, निवेश के नए अवसर खुलेंगे और किसानों की आमदनी दोगुनी होगी.


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