चंडीगढ़: पंजाब सरकार की अपील पर किसान 15 दिन के लिए 'रेल रोको आंदोलन' बंद करने को तैयार गए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि मांगें नहीं पूरी होने पर वे फिर प्रदर्शन करेंगे. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ किसान संगठनों की बैठक हुई जिसमें ये फैसला हुआ है. सीएम ने इस फैसले का स्वागत किया है. किसान आंदोलन के चलते पिछले 52 दिनों से यात्री ट्रेन और मालगाड़ी का आवागमन पूरी तरह से बंद है.
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, “किसान यूनियनों के साथ एक सार्थक बैठक हुई. यह साझा करते हुए खुशी है कि 23 नवंबर की रात से किसान यूनियन ने 15 दिनों के लिए रेल अवरोधों को समाप्त करने का निर्णय लिया है. मैं इस कदम का स्वागत करता हूं क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति बहाल करेगा. मैं केंद्र सरकार से पंजाब के लिए रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने का आग्रह करता हूं.”
फैसले पर किसान संगठनों की राय अलग
बता दें कि इस बैठक में किसान मजदूर संघर्ष समिति जो 24 सितंबर से अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर बैठी थी, उसने इस पूरी बैठक में हिस्सा नहीं लिया है. इनका कहना है कि हमारा जो पहले फैसला था कि हम यात्री ट्रेन नहीं चलने देंगे, उस पर अभी तक कायम हैं. चंडीगढ़ में जो 15 दिनों के लिए ट्रैक खाली करने की बात हुई है, हम उसे फिलहाल खाली नहीं कर रहे हैं.
आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी किसान संगठनों को न्यौता भेजा था. अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति का धरना पहले दिन से चल रहा था, उन्हें भी बुलाया गया था. लेकिन इस संगठन में बैठक में जाने से इनकार कर दिया. इस संगठन ने केंद्र के साथ भी बैठक नहीं की थी. इनकी एक ही शर्त है कि जब तक किसान कानून नहीं हटाया जाएगा, इनका धरना खत्म नहीं होगा.