नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की अयोध्या पर लिखी दो किताबों के लोकार्पण के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि किताबों की टाइमिंग पर सवाल उठेंगे. हेमंत शर्मा ने 'अयोध्या का चश्मदीद' और 'युद्ध में अयोध्या' दो किताबें लिखी हैं. किताबों के लोकार्पण के मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे. राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट से जल्द फैसला आने वाला आने वाला है. ऐसे समय में अयोध्या पर किताबों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहा है. यह सवाल किताब के लोकार्पण के दौरान मंच से भी उठा. खुद संघ प्रमुख भागवत और बीजेपी अध्यक्ष ने किताब की टाइमिंग को लेकर बात कही.
महाभारत तो अयोध्या में भी हो सकता है: भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि इस पुस्तक की टाइमिंग पर भी सवाल उठेगा. उन्होंने कहा, ''जन्मभूमि एक ही होती है वहाँ मंदिर बनाने की मांग है. ये कहा गया होता कि इस ज़माने में ये सम्भव नहीं है तो मान भी लेते लेकिन कहा गया कि वहां राम का जन्म हुआ ही नहीं. ये सुन कर हम पढ़े लिखे धैर्य कर भी लें तो गली में चलने वाला आस्तिक लड़का धैर्य कैसे रखेगा. हम रामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर शीघ्रतातिशीघ्र बनवाना चाहते हैं''
भागवत ने कहा, ''अयोध्या का मतलब होता है कि उसे जीता नहीं जा सकता लेकिन अयोध्या लम्बे समय तक बहुत कुछ सहती आई है तो न्याय और सत्य के लिए महाभारत तो अयोध्या में भी हो सकता है.''
मुझे इस पर ज्यादा नहीं बोलना चाहिए: अमित शाह
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ''ऐसे समय पर अयोध्या पर इन दोनों पुस्तकों का लोकार्पण हुआ है कि मुझे ज़्यादा नहीं बोलना चाहिए. अयोध्या से सम्बंधित पांच नहीं छह घटनाएं हैं. छठी घटना है कि विवादित ढांचे का टूटना वहीं से ये संघर्ष शुरू हुआ और जब तक विजय नहीं होगी चलता रहेगा. इतिहास में जनभावनाओं की ही विजय होती है और ये आंदोलन इसी दिशा में चल रहा है.”
महायज्ञ मेरा गिलहरी प्रयास: हेमंत शर्मा
खुद लेखक ने भी राम मंदिर आंदोलन को अपने अंजाम तक पहुंचाने का संकेत करते हुए अमित शाह को मंच से इशारा किया. लेखक हेमंत शर्मा ने कहा, ''अमित शाह जी अयोध्या आपकी ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है. मैंने इसे इसलिए अभी लिखा ताकि मेरा भी इस महायज्ञ में गिलहरी प्रयास हो जाय.''