आरोपों पर राफेल बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने दी सफाई, ‘ना दी गई घूस ना हुई कोई गड़बड़ी’
दसॉल्ट एविएशन के एक प्रवक्ता ने कहा, “फ्रांसीसी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी समेत कई आधिकारिक संगठनों द्वारा बहुत सी जांच की जाती है. 36 विमानों की खरीद में भारत के साथ हुए अनुबंध की संरचना का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.”
अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल बनाने वाली फ्रांस की कंपनी दसॉल्ड ने घूस के आरोपों पर सफाई देते हुए गुरुवार को कहा कि भारत के साथ 37 एयरक्राफ्ट की डील में तरह की गड़बड़ी नहीं की गई. दसॉल्ड ने प्रेस जारी करते हुए कहा कि फ्रेंच एंटी करप्शन एजेंसी समेत कई एजेंसियों की इस पर निगाहें थीं. लेकिन भारत के साथ हुई इस डील में इसमें किसी तरह का उल्लंघन नहीं पाया गया है.
इससे कुछ दिन पहले फ्रांसीसी मीडिया प्रकाशन ‘मीडियापार्ट’ ने देश की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए खबर प्रकाशित की थी कि ‘दसॉल्ट एविएशन’ ने एक भारतीय बिचौलिए को दस लाख यूरो की रिश्वत दी थी.
अधिकारी ने कहा कि दसॉल्ट एविएशन ने दोहराया कि वह आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के रिश्वत रोधी प्रस्ताव और राष्ट्रीय कानूनों का कड़ाई से पालन करता है. खासकर 9 दिसंबर 2016 के कानून का जिसे स्पेन 2 के नाम से जाना जाता है.
दसॉल्ट एविएशन के एक प्रवक्ता ने कहा, “फ्रांसीसी भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी समेत कई आधिकारिक संगठनों द्वारा बहुत सी जांच की जाती है. 36 विमानों की खरीद में भारत के साथ हुए अनुबंध की संरचना का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.”
गौरतलब है कि केंद्र की बीजेपी की अगुवाई वाली राजग सरकार ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 23 सितंबर, 2016 को 59,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. लोकसभा चुनाव, 2019 से पहले कांग्रेस ने विमान की दरों और कथित भ्रष्टाचार सहित इस सौदे को लेकर कई सवाल खड़े किये थे, लेकिन सरकार ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था.