Watch: बंगाल की आलिया यूनिवर्सिटी के VC को धमकाने-अपशब्द कहने वाला छात्र नेता गिरफ्तार, राज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी से मांगी रिपोर्ट
तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) से निष्कासित एक छात्र नेता को आलिया यूनिवर्सिटी के कुलपति मोहम्मद अली को धमकी देने और उनके खिलाफ अपशब्द कहने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया है.
तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) से निष्कासित एक छात्र नेता को आलिया यूनिवर्सिटी के कुलपति मोहम्मद अली को धमकी देने और उनके खिलाफ अपशब्द कहने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया है.
पश्चिम बंगाल की आलिया यूनिवर्सिटी के कुलपति मोहम्मद अली को छात्र नेता और उसके सहयोगियों की ओर से धमकाए जाने और अपशब्द कहने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर रविवार को वायरल हो गया था. इसके बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चीफ सेक्रेटरी से सोमवार दोपहर तक इस वीडियो के संबंध में जानकारी देने को कहा था. छात्र नेता की पहचान गियासुद्दीन मंडल के रूप में की गई है.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ऐसी स्थिति जहां कानून का उल्लंघन करने वाले असामाजिक तत्व कानून के डर के बिना अपना रास्ता बना लेते हैं, निश्चित रूप से कानून का पालन करने वालों के लिए भयावह परिदृश्य है.
Chief Secretary has been called upon to send full update by 1 PM tomorrow on worrisome scenario reflected in video in viral circulation.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) April 3, 2022
Such state of affairs where law violator rogue elements have their way with no fear of law is certainly fearful scenario for law abiders. pic.twitter.com/T0xQGTh6x3
क्या है मामला
यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना संस्थान के न्यू टाउन परिसर में शुक्रवार को हुई थी. उन्होंने बताया कि मंडल कुछ अन्य लोगों के साथ वीसी ऑफिस में गया और उसने अली को धमकी दी कि अगर पीएचडी की लिस्ट में तुरंत बदलाव नहीं किया गया और उसके बताए लोगों को इसमें शामिल नहीं किया गया, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
अली ने मंडल और उसके साथियों से ऑफिस से चले जाने और बातचीत के लिए सही तरीके से फिर से आने को कहा, लेकिन छात्र नेता और उसके सहयोगी वीसी के खिलाफ चिल्लाते रहे और अपशब्द कहते रहे. इस दौरान कुछ कर्मी अधिकारी को घेरे खड़े रहे.
मंडल और उसके सहयोगी कुछ घंटे वीसी ऑफिस में रहे और वहां से जाने से पहले उन्होंने लिस्ट में बदलाव नहीं किए जाने पर फिर लौटकर आने की धमकी दी. उन्होंने यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट की ओर से लिस्ट में हेरफेर किए जाने का आरोप लगाया.
अली ने घटना के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने बाद में कहा कि मंडल और अन्य लोगों ने शुक्रवार को उनके ऑफिस में करीब दो घंटे तक उनका घेराव किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, 'मैंने पुलिस को मदद के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं पहुंची.'
आरोपी को किया जा चुका है गिरफ्तार
एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी को वीसी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने, शारीरिक रूप से रोक कर रखने और धमकाने के मामले में रविवार दोपहर को टेक्नो सिटी पुलिस थाने के न्यू टाउन से गिरफ्तार किया गया.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने ट्वीट में कहा, 'पुलिस ने आलिया यूनिवर्सिटी में हुई हालिया घटना के संबंध में तत्काल कार्रवाई की और गियासुद्दीन मंडल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच जारी है.'
राज्यपाल क्या बोले
यूनिवर्सिटी चांसलर और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, 'जब मैं ऐसी घटनाओं के बारे में सुनता हूं तो मेरा दिल दु:खी होता है. एक टीचर राष्ट्र निर्माता होता है. उसके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता.' उन्होंने मुख्य सचिव से सोमवार दोपहर एक बजे तक जानकारी भेजने को कहा है.
टीएमसीपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने कहा कि मंडल को कैंपस के अंदर और बाहर मारपीट करने के आरोप में पांच साल पहले छात्र संघ से निष्कासित कर दिया गया था. उन्होंने कहा, 'हम घटना की निंदा करते हैं. कुलपति के खिलाफ अपशब्द कहने वाले को सजा दी जानी चाहिए. यह हमारी संस्कृति नहीं है.'
तृणमूल कांग्रेस की प्रदेश इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी शिक्षकों के साथ इस तरह के आचरण की कड़ी निंदा करती है और दोषियों को कड़ी सजा देने की वकालत करती है.
'मैं तो थप्पड़ मार देता'
बीजेपी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि कैसे टीएमसीपी के कुछ नेताओं ने 'सभी हदें पार कर दी हैं.' उन्होंने कहा, 'कुलपति एक सज्जन शख्स हैं, इसलिए वह चुप रहे और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. अगर मैं होता तो मैं अपशब्द कहने वालों को थप्पड़ मार देता.'
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट में कहा, बंगाल की बेटी के शासन में यह कोई एकमात्र घटना नहीं है. यह अब राज्य की संस्कृति बन गई है. वीसी ने कहा कि पुलिस उन्हें बचाने नहीं आई. यह अपेक्षित है, क्योंकि पुलिस उन लोगों को गिरफ्तार नहीं करेगी, जिनके सिर पर तृणमूल कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं का हाथ है.'
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