नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिये 'अवॉर्ड वापसी' गैंग फिर से सक्रिय हो गया है. गिरिराज का यह बयान 49 प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र, जिसमें कहा गया है कि ‘‘जय श्री राम’’ का नारा युद्धघोष भड़काऊ बनता जा रहा है, के बाद आया है. प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में यह भी कहा गया है कि ‘‘असहमति के बिना लोकतंत्र नहीं होता है.’’
केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने पत्रकारों से कहा, "मॉब लिंचिंग का सवाल उठाने वाले यह लोग तब कहां थे जब कैराना (उत्तर प्रदेश) के विधायक हाल ही में मुसलमानों को हिंदुओं की दुकानों से सामान नहीं खरीदने के लिये कह रहे थे. वे क्यों खामोश रहे?" पत्र के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि 'अवॉर्ड वापसी' गैंग सक्रिय हो गया है.
मंत्री ने कहा, "अवॉर्ड वापसी गैंग मोदी सरकार को बदनाम करने और उसे अस्थिर करने के मकसद से फिर सक्रिय हो गया है." वहीं पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले प्रबुद्ध नागरिकों को बुधवार को राष्ट्रविरोधी बताते हुए आरोप लगाया कि वे विपक्ष की कठपुतली के रूप में अभिनय कर रहे हैं.
दरअसल, फिल्मकारों अडूर गोपालकृष्णन और अपर्णा सेन, गायक शुभा मुद्गल, इतिहासकार रामचन्द्र गुहा और समाजशास्त्री आशीष नंदी समेत 49 प्रबुद्ध नागरिकों ने 23 जुलाई के इस पत्र में अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं. चिट्ठी में कहा गया है, ''अफसोस की बात है कि 'जय श्रीराम' को आज उकसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. यह एक भड़काऊ युद्ध बन गया है. भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को राम के नाम पर डराया जा रहा है. राम की अवहेलना करने पर रोक लगाने की जरूरत है.''
चिट्ठी में दावा किया गया है, ''29 अक्टूबर 2009 से जनवरी 2019 के बीच देश में 254 से ज्यादा धार्मिक पहचान पर आधारित नफरत वाले अपराध दर्ज किए गए हैं. प्रिय प्रधानमंत्री, इन अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?'' मोदी को लिखे इस चिट्ठी में देश में भीड़ की तरफ से लिंचिंग के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है. चिट्ठी में अपराध के लिए दोषी पाए जाने वालों के लिए गैर-जमानती और कड़ी से कड़ी सजा की मांग की गई है. चिट्ठी में बिनायक सेन, सौमित्रो चटर्जी, अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रेवती, शुभा मुद्गल, रूपम इस्लाम, अनुपम रॉय, परमब्रता, रिद्धि सेन, निर्देशक अंजन दत्ता और गौतम घोष जैसी हस्तियों ने भी हस्ताक्षर किए हैं.