खुद को पीएम का निजी सलाहकार बताने वाले शख्स के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR, PMO ने की थी शिकायत
Forged PMO Official: पीएमओ ने खुद को पीएम का निजी सलाहकार बताने वाले एक शख्स की शिकायत करते हुए सीबीआई को एक पत्र लिखा था. फिलहाल पीएमओ की शिकायत पर सीबीआई ने आखिरकार एक साल बाद एक्शन ले लिया है.
Forged PMO Official: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने खुद को प्रधानमंत्री का निजी सलाहकार बताने वाले शख्स के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. दिलचस्प यह भी है कि इस शख्स के खिलाफ खुद पीएमओ ने साल 2021 में शिकायत की थी लेकिन तेज तर्रार सीबीआई ने इस मामले में एक साल बाद मुकदमा दर्ज किया है.
सीबीआई के दस्तावेजों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय में सहायक निदेशक पीके इस्सर ने पीएमओ के लैटरहैड पर 9 जुलाई 2021 को सीबीआई को शिकायत की थी. पीएमओ की तरफ से दी गई इस शिकायत में कहा गया था कि केरल का रहने वाला एक शख्स जिसका नाम डॉ शिवाकुमार है वह खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंधित बताता है. साथ ही यह भी कहा गया कि यह शख्स जिसे भी अपने मोबाइल से फोन करता है उसे अपना परिचय प्रधानमंत्री के निजी सलाहकार के तौर पर देता है. यहां तक कि उसने एक छपे लेख में खुद को भारतीय प्रधानमंत्री का स्वास्थ्य सलाहकार भी बताया हुआ है.
एक साल बाद सीबीआई ने लिया पीएमओ की शिकायत पर एक्शन
पीएमओ की ओर से सीबीआई को दिए पत्र में कहा गया कि आरंभिक तौर पर यह मामला खुद को गलत तरीके से पीएमओ अधिकारी बताए जाने का बनता है. पत्र में सीबीआई को कहा गया कि वह इस मामले में अधिकारिक शिकायत दर्ज करे और कानून के मुताबिक इस मामले मे जांच करें. दिलचस्प यह है कि सीबीआई के ज्वाइंट निदेशक पॉलिसी को यह पत्र 9 जुलाई 2021 को लिखा गया और तेज तर्रार सीबीआई ने पीएमओ के पत्र के वावजूद इस मामले में आपराधिक मुकदमा दर्ज करने में पूरा एक साल लगा दिया.
आईपीसी की धारा 170 के तहत मामला दर्ज
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की तिथि 28 जून 2022 है और यह मुकदमा धारा 170 आईपीसी के तहत दर्ज किया गया है. धारा 170 आईपीसी का मतलब है कि खुद को यह जानते हुए भी कि वह सरकारी अधिकारी नहीं है खुद को फर्जी तरीके से लोक सेवक बताना. इस आईपीसी के तहत दो साल तक की सजा हो सकती है. सीबीआई की एफआईआर में यह भी कहा गया है कि यह अपराध साल 2019 से किया जा रहा है और दिल्ली के अलावा अन्य जगहों पर भी किया गया है. इस मामले की जांच सीबीआई की विशेष अपराध शाखा दिल्ली को सौंपी गई है.
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