कृषि कानून: अमरिंदर सिंह और अरविंद केजरीवाल के बीच ट्विटर वॉर, जानें किसने क्या कहा
अमरिंदर सिंह ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान आपके ड्रामे में नहीं आएंगे. इस पर जवाब देते हुए अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया.
नई दिल्ली: किसानों के मुद्दे को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया है. अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल पर किसानों के हितों को बेचने का आरोप लगाया दिया. वहीं अरविंद केजरीवाल ने कैप्टन को जवाब देते हुए कहा कि जिस कमेटी ने इस बिल को ड्राफ्ट किया आप उसका हिस्सा थे.
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, “जैसा कि हर पंजाबी जानते हैं कि मैं ईडी या अन्य मामलों से नहीं डरूंगा..अरविंद केजरीवाल आप राजीनितक उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपनी आत्मा को भी बेच देंगे. अगर आपको लगता है कि किसानों आपके ड्रामे में आ जाएंगे तो आप पूरी तरह से गलत हैं.”
अपने एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “देश के किसान खासतौर पर पंजाब के किसान इस बात को जानते हैं कि आपने 23 नवंबर को इस ड्रैकोनियन कृषि बिल को नोटिफाई करके किसानों के हितों को बेच दिया. केंद्र का आपके ऊपर क्या दबाव था.”
U were part of the committee which drafted these Bills. These Bills are YOUR “gift” to the nation.
Captain sahib, why do BJP leaders never accuse u of double standards the way they accuse all other leaders? https://t.co/dGxeYksrVY — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 14, 2020
इसका जवाब देते हुए अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “इन बिल को जिस कमेटी ने ड्राफ्ट किया आप उसका हिस्सा था. ये बिल आपकी तरफ से देश को तोहफा है. कैप्टन साहब, बीजेपी के नेता दोहरे मापदंड के लिए आप पर कभी आरोप क्यों नहीं लगाते जिस तरह वे दूसरों पर लगाते हैं?"
इसके साथ ही केजरीवाल ने अपने एक दूसरे ट्वीट में कहा, “ये रिकॉर्ड का हिस्सा है कि आपकी कमेटी ने इस कानून को ड्राफ्ट किया. आपके पास इन कानूनों को रोकने की ताकत थी, इस देश के लोगों को बताएं कि इस तरह के कानूनों पर केंद्र द्वारा विचार किया जा रहा था. आप केंद्र के साथ क्यों गए?”
बता दें कि इससे पहले जब अरविंद केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास करने का एलान किया था तो इसे अमरिंदर सिंह ने नाटक करार दिया था. अमरिंदर सिंह ने कहा था कि केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर को कृषि कानूनों में से एक को ‘बेशर्मी’ से अधिसूचित कर किसानों की ‘पीठ में छुरा भोंका है.