नए कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली पहुंचे किसानों की तरफ से इसकी एंट्री प्वाइंट को बंद करने और उसके बाद दूध, फल और सब्जियों की आपूर्ति रोकने की धमकी के बाद हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों से कहा कि वे सदबुद्धि से काम लें. जेपी दलाल ने कहा- "मैं सभी किसान भाइयों से कहूंगा कि सदबुद्धि से काम लें, वार्ता करें. ये अच्छी बात नहीं है कि दिल्ली का पानी बंद कर देंगे, दिल्ली के रास्ते बंद कर देंगे, दिल्ली को घेर कर बैठ जाएंगे. ये लाहौर या कराची नहीं है, ये देश की राजधानी है."


खापों ने दी दिल्ली में फल-दूध की सप्लाई बंद करने की धमकी


कृषि संबंधी नए कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली आकर सात दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों के इस आंदोलन के चलते दिल्ली को जोड़ने वाले हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं. इस बीच, 3 दिसंबर को सरकार के साथ किसान नेताओं की एक और दौर की बैठक से पहले किसानों की तरफ से दिल्ली को दूध, फल और सब्जी की आपूर्ति रोकने की धमकी दी गई है.





हरियाणा के जींद में खापों ने बुधवार को दिल्ली के लिए कूच शुरू कर दिया है. कूच करने से पहले खाप नेताओं ने डोर-टू-डोर जाकर लोगों को दिल्ली जाने की अपील भी की। इन खाप नेताओं ने धमकी दी है की अगर 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनी तो गांव से दिल्ली को जाने वाले दूध,फल और सब्जियों की सप्लाई कर देंगे बंद.


किसान नेताओं का कहना है की अगर 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनी तो गांव से दिल्ली को जाने वाले दूध,फल और सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे। अगर सरकार फिर भी नहीं मानती है तो किसानों का अगला कदम न तो देश के लिए अच्छा होगा, न सरकार के लिए अच्छा होगा। उन्होंने आगे कहा कि किसान इतना आक्रमक हो जाएगा की सरकार के लिए संभालना मुश्किल हो जाएगा। दूसरी तरफ, रोहतक में नान्दल खाप द्वारा प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में मार्च निकाला गया. नान्दल खाप के सचिव ने कहा, "हम इस किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं. सभी खाप किसानों के साथ हैं. किसान प्रदर्शन पर बैठे हैं, हम उनके साथ ही बैठे हैं."


कृषि मंत्री ने कहा- आंदोलन छोड़ चर्चा करे किसान


इधर,  केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अनुरोध किया है कि आंदोलन का रास्ता छोड़कर चर्चा से हल निकालें. तोमर ने कहा, ''दिल्ली के लोग संयम का परिचय दें. उन्हें तकलीफ है, इसका एहसास सरकार को भी है. किसानों से अनुरोध है कि आंदोलन का रास्ता छोड़कर चर्चा से हल निकालें. चर्चा चल रही है. कल भी किसान नेताओं के साथ बैठक है. हमारी कोशिश है कि जल्दी समाधान हो.''


इससे ठीक पहले किसान संगठनों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ-साफ कहा कि सरकार तीन कानूनों को रद्द करे. किसान नेता दर्शन सिंह ने कहा, ''तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने तक हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.'' किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो हम और कदम उठाएंगे. एक अन्य नेता ने कहा कि अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तो हम दिल्ली की और सड़कों को अवरुद्ध करेंगे.


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