केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीनों कृषि सुधार संबंधी कानूनों की वापसी पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर अड़े किसानों के बीच केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसको लेकर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. केन्द्रीय मंत्री ने एक तरफ जहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर व्यंग्य किया तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने किसानों से अपील की कि वे किसी के बहकावे में ना आएं.
स्मृति ईरानी का सोनिया-राहुल पर हमला
मेरठ में एक किसान सम्मेलन के दौरान शुक्रवार को केन्द्रीय कपड़ा मंत्री ने कहा- विपक्ष ये कहता है कि जिसने बिलों को बनाया वे किसान नहीं हैं. क्या वे जिन्होंने 40 इंच के आलू उत्पादन की बात की वे किसान हैं? क्या सोनिया गांधी किसान हैं? वास्तव में अगर किसानों के लिए किसी ने कुछ किया है तो वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं.
स्मृति ईरानी ने आगे कहा- "पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान MSP के तौर पर 8 लाख करोड़ रुपये दिए जबकि इसकी तुलना में पिछले यूपीए के 10 सालों के कार्यकाल के दौरान 3.5 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे."
पीएम बोले- एमएसपी न बंद होगी न खत्म
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि पहले जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी. एमएसपी न बंद होगी, न खत्म होगी. भोपाल में किसान सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि नए कृषि कानून रातों-रात नहीं आये हैं, बल्कि अलग-अलग दल, विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान लंबे समय से सुधारों की मांग कर रहे थे.
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मैं किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा, यह जारी रहेगी, विपक्ष इस बारे में झूठ बोल रहा है.’’ उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें कृषि सुधारों से नहीं बल्कि ‘मोदी से दिक्कत’ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों ने स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट वर्षों तक दबाए रखी; लेकिन हमने इसे किसानों के हित में इसे लागू किया. उन्होंने कहा कि अपने-अपने घोषणापत्रों में कृषि सुधारों के बारे में बात करने वाले राजनीतिक दलों से लोगों को जवाब मांगना चाहिए. उन्होंने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘कृषि सुधारों का श्रेय आप लेना चाहते हैं तो लें लेकिन किसानों को भ्रमित नहीं करें.’’
ये भी पढ़ें: PM मोदी बोले- रातों-रात नहीं आए हैं कृषि कानून, अगर कोई आशंका है तो हम बातचीत के लिए तैयार | पढ़ें 10 बड़ी बातें