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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

किसान आंदोलन पर ABP न्यूज से बोले कृषि मंत्री- पूरे कानून को आपत्तिजनक बताना गलत, सरकार चर्चा को तैयार

एबीपी न्यूज़ Updated at: 11 Dec 2020 09:12 PM (IST)

कृषि मंत्री ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत के रास्ते खुले हुए थे और आज भी खुले हुए हैं. उन्होंने कहा कि पराली के मामले हो या इलेक्ट्रिसिटी बिल, हमने सकारात्मक संदेश दिया है.

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास नए कृषि कानूनों पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को किसानों से अपना आंदोलन  खत्म करने और चर्चा के लिए दिए गए प्रस्ताव पर विचार की अपील की. कृषि मंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन के प्रति सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है और किसानों का पूरे एक्ट को ही आपत्तिजनक बताना गलत है.


चर्चा के खुले हैं रास्ते


कृषि मंत्री ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत के रास्ते खुले हुए थे और आज भी खुले हुए हैं. उन्होंने कहा कि पराली के मामले हो या इलेक्ट्रिसिटी बिल, हमने सकारात्मक संदेश दिया है. इतने दिनों के दौरान जो आपत्तियां सरकार के ध्यान में आई है उसे किसान यूनियन के पास भेजा है. उन्हें उस पर विचार करना चाहिए और उसमें भी कोई आपत्ति है तो सरकार फिर चर्चा को तैयार है.


MSP जारी रखने का निर्णय कल भी था आगे भी रहेगा



लोकसभा और राज्यसभा को कृषि मंत्री के नाते हमने फ्लोर पर आश्वस्त किया है. ये निर्णय कल भी था और आगे भी जारी रहेगा. एमसीपी पर लागत पर पचास फीसदी मुनाफा देने की घोषणा की थी. पहले गेंहूं और धान ही खरीदा जाता था एमसीपी पर, अब दलहन और तिलहन भी खरीदी जा रही है. यह एमएसपी के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.- केन्द्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा


उन्होंने किसानों से कहा- कोई भी एक्ट पूरा का पूरा गड़बड़ नहीं होता है. जिस एक्ट पर किसान की प्रतिकूलता होगी, सरकार खुले मन से चर्चा को तैयार है. किसानों के प्रति भारत सरकार का सम्मान है, लेकिन मुझे बहुत ही चिंता तब हुई जब देखा कि अनेक वामपंथी लोग भी इस आंदोलन में घुस आए हैं.


शरजील इमाम को रिहा करने की क्यों मांग?


नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि शरजील इमाम को रिहा करने की मांग हो रही है, ये क्यों होना चाहिए? उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने की और किसान के कंधे पर बंदूक चलाने की कोशिश ठीक नहीं है. लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी है और आंदोलन करें इसकी भी स्वतंत्रता है. लेकिन, दूसरे के नागरिक के स्वतंत्रता का हनन हो रहा है इसे भी सोचना चाहिए.



यूनियन से यह भी आग्रह किया था कि साठ साल से ऊपर के लोगों को वापस भेजा जाए. ये भी उन्होंने नहीं माना. जेल के लोगों को रिहा करने की बात की जा रही है, इससे दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता है. किसानों के नाम पर उन्हें सियासत नहीं करना चाहिए. सियासत करना है तो पार्टी के बैनर पर बिलों का विरोध करें. सरकार जवाब देने को तैयार है.- कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आगे कहा


किसान यूनियन पर सुलह ना करने का दबाव


केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा- मैं किसान यूनियन से यह कहना चाहता हूं कि जो हमने प्रस्ताव भेजा है उस पर वो तैयार हों, हम चर्चा को तैयार हैं. उस पूरे यूनियन में कई ऐसे लोग हैं जिन पर दबाव के चलते गाड़ी आगे नहीं बढ़ रही है. प्रस्ताव पर कोई आपत्ति है तो सरकार चर्चा को तैयार है. जब बात चल रही है तो आंदोलन के किसी अगले चरण को घोषणा नहीं करनी चाहिए. देश में जो व्याप्त गतिरोध है उस पर समाधान करने की कोशिश होना चाहिए.


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