नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को कोर्ट के समक्ष पेश किए जाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर से जवाब मांगा है. अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द किए जाने के बाद से कथित रूप से हिरासत में हैं.


प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ ने केंद्र और राज्य को नोटिस जारी किया और राज्यसभा सांसद और एमडीएमके नेता वाइको की याचिका पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है. वाइको ने कहा कि वह पिछले चार दशकों से अब्दुल्ला के निकट मित्र हैं. वाइको ने दावा किया कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता को ‘‘बिना किसी कानूनी अधिकार के अवैध हिरासत’’ में लेकर उन्हें संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखा गया.


कश्मीर में स्थिति सामान्य करने के लिए हरसंभव प्रयास करें- सुप्रीम कोर्ट

वहीं, कश्मीर के हालात को लेकर सुप्रीम कोर्ट केन्द्र से कहा कि कश्मीर में जनजीवन सामान्य करने के लिए जल्द से जल्द सभी संभव कदम उठाए. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ,न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर की एक पीठ ने कहा कि कश्मीर में अगर तथा-कथित बंद है तो उससे जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट निपट सकता है.


SC ने गुलाम नबी आजाद को कश्मीर जाने की दी इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दे दी है. हालांकि, कांग्रेस नेता को सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर में किसी भी राजनीतिक गतिविधियों और रैली में भाग लेने से मना किया है. बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने परिवार वालों और संबंधियों से मिलने की इजाजत मांगी थी.

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