कृषि बिलों पर राष्ट्रपति ने किए हस्ताक्षर, अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा- देश के लिए काला दिन
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल ने कहा कि हमें बहुत उम्मीद थी कि राष्ट्रपति इन बिलों को संसद में पुनर्विचार के लिए लौटा देंगे.

नई दिल्ली: विपक्षी दलों और देश के कई राज्यों के किसानों के भारी विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को तीनों कृषि विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये विधेयक अब कानून बन गए हैं. शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इसे भारत के लिए काल दिन बताया है.
सुखबीर बादल ने कहा, “यह वास्तव में भारत के लिए एक काला दिन है कि राष्ट्रपति ने राष्ट्र के विवेक के रूप में कार्य करने से इनकार कर दिया है. हमें बहुत उम्मीद थी कि वह इन बिलों को संसद में पुनर्विचार के लिए लौटा देंगे, जैसा कि अकाली दल और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने मांग की थी.”
It's really a dark day for India that the President has refused to act as the nation's conscience. We were very hopeful that he would return these bills to Parliament for reconsideration as demanded by SAD & some other opposition parties: Shiromani Akali Dal chief SS Badal https://t.co/4LYvvy8DPq pic.twitter.com/5Vadk7P1F8
— ANI (@ANI) September 27, 2020
गौरतलब है कि इन कृषि विधेयकों का भारी विरोध हो रहा है. खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल भी इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं. यहां तक की एनडीए में शामिल शिरोमणि अकाली दल ने इन बिलो का विरोध करते हुए पहले सरकार और फिर एनडीए से बाहर जाने का फैसला कर लिया. बता दें शिरोमणि अकाली दल बीजेपी का सबसे पुराने सहयोगियों में से एक रहा है.
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने कहा कि महाराष्ट्र में इन कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा. थोराटा ने कहा, "संसद द्वारा पारित बिल किसान विरोधी है. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं. महाविकास अघाड़ी भी इसका विरोध करेगी और महाराष्ट्र में इसे लागू नहीं होने देगी. शिवसेना भी हमारे साथ है. हम एक साथ बैठेंगे और एक रणनीति बनाएंगे."
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