दिसपुर: पीएम मोदी आज असम में गुवाहाटी के खानापारा में एक बड़ी रैली भी करेंगे. इस रैली को पूर्वोत्तर के लिहाज से बेहद खास माना जा रहा है. तीन साल का जश्न दिल्ली की जगह पूर्वोत्तर में मनाकर पीएम मोदी और बीजेपी एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं.


प्रधानमंत्री आज अपनी असम यात्रा का समापन यहां पर होनेवाली रैली के साथ करेंगे. असम के खानापारा में होनेवाली रैली मोदी सरकार के केंद्र में तीन साल पूरे होने पर हो रही है. साफ है कि इतने बड़े मौके पर जश्न दिल्ली की जगह असम में करने के पीछे एक बड़ी राजनीतिक सोच है.


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बीजेपी ने आज के इस कार्यक्रम के लिए असम ही नहीं पूरे पूर्वोत्तर से अपना कार्यकर्ताओं को बुलाया है. बीजेपी इस कार्यक्रम को यादगार बनाना चाहती है. कई राजनातिक विश्लेशकों के मुताबिक आज़ादी के बाद पहली बार किसी केंद्र सरकार ने पहली बार पूर्वोत्तर को इतना महत्व दिया है.


वरिष्ठ पत्रकार रविशंकर रवि का कहना है, ‘’यह एक औपचारिकता है लेकिन वो पूर्वोत्तर जो इतने लंबे समय से उपेक्षित रहा, अलगाववाद के आंदोलनो से पीड़ित रहा, जिसके तीन तरफ अंतरराष्ट्रीय सीमा है. वहां से देश को संबोधित कर के पीएम असम और पूर्वोत्तर का सम्मान कर रहे हैं.’’



हालांकि कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने न तो केंद्र और न राज्य में ऐसा कुछ किया है, जिसे जश्न मनाने लायक समझा जाए. कांग्रेस का कहना है कि पीएम आज जिस पुल का उद्घाटन कर रहे हैं वो भी 2011 में पीएम मनमोहन सिंह के जमाने में बनना शुरु हुआ था.


असम कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव सोमानी का कहना है, ‘’पिछली कांग्रेस सरकार के अच्छे कामों का उद्घाटन मात्र करके बीजेपी लोगों में भ्रम फैला रही है.


इतना तो साफ है कि बीजेपी की नजर पूर्वोत्तर के वोट बैंक पर है. भले ही यहां पर सीटें कम हों लेकिन बीजेपी जानती है कि अगर यहां जीते तो इसका राष्ट्रीय राजनीति पर काफी असर होगा. इसीलिए उनकी नजर पूर्वोत्तर के बाकी राज्यों में आगे आने वाले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव पर है.



फिलहाल पूर्वोत्तर के राज्यों की कुल 25 लोकसभा सीटों में अभी बीजेपी के पास केवल 14 सीटें हैं.  जहां तक पूर्वोत्तर के राज्यों में बीजेपी की सरकार का सवाल है तो असम में बीजेपी की सरकार है. इस साल मणिपुर में भी बीजेपी ने पहली बार सरकार बनाई है. जबकि मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड में अगले साल चुनाव हैं.


बीजेपी वहां भी अपनी सरकार बनाने के लिए एड़ी-चोटी की कोशिश कर रही है. साफ है कि बीजेपी पूर्वोत्तर में पूरी तरह फतह करना चाहती है.