'हमने एक भी इंच जमीन नहीं गंवाई, जहां पहले थे अब भी वहीं है', लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों की वापसी पर बोले आर्मी चीफ
आर्मी चीफ ने आगे कहा- नौवें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता के बाद संघर्ष वाले इलाकों से सैनिकों की चरणबद्ध तरीके से वापसी पर हमारी सहमति बनी.
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगते संघर्ष वाली जगहों पर सेनाओं की वापसी को लेकर आर्मी चीफ जनरल एम.एम. नरवणे ने कहा कि हमने एक भी इंच ने गंवाई है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जनरल नरवणे ने कहा- “हमने कहीं भी अपने क्षेत्र को नहीं गंवाया है. हम वहीं पर हैं जहां पर ये सब चीजें शुरू होने से पहले थे... जमीन की एक भी इंच नहीं गंवाई है.”
आर्मी चीफ ने आगे कहा- "नौवें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता के बाद संघर्ष वाले इलाकों से सैनिकों की चरणबद्ध तरीके से वापसी पर हमारी सहमति बनी. 10 फरवरी के बाद सैनिकों का वापसी शुरू हुई. पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिण किनारे और कैलाश रेंज पर यह योजना के मुताबिक शुरू हुआ. जवान अपने नजदीकी स्थाई ठिकाने पर चले गए."
उन्होंने कहा कि सैनिकों की आमने-सामने तैनाती थी, जिसकी वजह से गलफहमी की संभावना थी जो अब कम हो गई है. अब एलएसी पर पहले के मुकाबले शांति और भाईचारा है. भर्तियों के लेकर आर्मी चीफ ने कहा- रिक्रुटमेंट में कुछ नए मामले सामने आए हैं. ये मामले हमारी आंतरिक जांच में सामने आई है और हम ऐसी भ्रष्टाचार वाली चीजों की इजाजत नहीं देंगे.
इधर, कश्मीर को लेकर जनरल नरवणे ने आगे कहा- कश्मीर में हाल ही में कुछ आतंकी घटनाएं हुई है. अभी भी घाटी में युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं. हालांकि आतंकी घटनाओं में काफी सुधार हुआ है. हमारा प्रयास युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकना है.
आर्मी चीफ ने कहा- एलओसी के दूसरी तरफ आतंकियों के शिविर अभी भी बने हुए हैं. आतंकवाद को कम करने के लिए इन कैंपों को ध्वस्त करना होगा. बर्फ पिघलने के बाद ही हम यह जान पाएंगे कि पाकिस्तान आतंकियों के ढांचे को खत्म करने को लेकर कितना गंभीर है.
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