नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में इस वक्त हालात तनावपूर्ण हैं, आतंकी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. इनमें गरीब मजदूर वर्ग के लोग शामिल हैं. मौत के भय के कुछ मजदूरों ने जम्मू कश्मीर से पलायन भी शुरू हो गया. आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए सरकार सुरक्षाबल पूरी रणनीति के साथ काम कर रहे हैं. इस सब के बीच कश्मीर में आतंकियों की इस टारगेट किलिंग के बहाने नेता भी अपने-अपने टारगेट पर निशाना साध रहे हैं.


जम्मू कश्मीर में बने हालातों को लेकर बिहार के दो नेताओं ने ऐसे ही बयान दिए हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने 15 दिन में स्थिति सुधारने की बात कही. मांझी के जवाब में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मांझी को 10 दिन के लिए कश्मीर भेजने की बात कह दी है.


एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा, ''मांझी जी को 10 दिनों के लिए पुलवामा भेज दीजिए, 10 दिन रहकर आ जाएं. इस मुद्दे पर ऐसी हल्की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. ये मुद्दा संवेदनशील है, कश्मीर को संभालना आसान काम नहीं है. पूरी सरकार वहां के हालात को बेहतर करने में जुटी हैं.''


उन्होंने आगे कहा, ''कश्मीर में आतंकियों ने बिहार के लोगों को टारगेट नहीं किया है. उन्होंने माइग्रेंट और वहां के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है. इसमें यूपी के लोगों की भी जान गई है. हमारी सरकार वचनबद्ध है, हम कश्मीर के हालात बिगड़ने नहीं देंगे.''


जीतनराम माझी ने क्या कहा था?
मांझी ने कहा था, ''कश्मीर को सुधारने की जिम्मेदारी हम बिहारियों पर छोड दीजिए, 15 दिन में सुधार नहीं दिया तो कहिएगा.'' मांझी ने  यह भी कहा कि बिहारी भाइयों की हत्या से है मन व्यथित. इतने प्रयास किए जाने के बावजूद आतंकी घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. कश्मीर में उग्रवाद व आतंकवादी बिहारियों को कर रहे है टारगेट.


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