भावनाओं को नहीं समझा जाता... 'काली' पोस्टर पर विवाद के बीच CM ममता बनर्जी का बड़ा बयान, महुआ मोइत्रा को नसीहत
Kali Poster Row: बंगाल सीएम ने कहा कि हम जो भी करते हैं इसमें राजनीतिक खोज लेते हैं. अच्छी बात को पीछे छोड़कर सिर्फ निगेटिव बात को ही आगे रखा जाता है.
Kali Poster Row: काली पोस्टर पर देशभर में मचा बवाल के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की नेता महुआ मोइत्रा को परोक्ष तौर पर नसीहत दे ही. उन्होंने कहा कि भावनाओं को नहीं समझा जाता है. बंगाल सीएम ने कहा कि हम जो भी करते हैं इसमें राजनीति खोज लेते हैं. अच्छी बात को पीछे छोड़कर सिर्फ निगेटिव बात को ही आगे रखा जाता है.
बंगाल सीएम की नसीहत
ममता बनर्जी ने कहा कि आप जब एक बच्चे के लिए कुछ बनाते है तो बच्चा बन के सोचना होगा. छात्र क्या सोचते है, ये सोचनी होगा. हर जगह का एक महत्व है. कुछ लोग तो चिल्लाने का काम ही करते है. उन्होंने आगे कहा कि पहले की कविता देखिए उसमें नबी से लेकर धर्म तक सब कुछ है. क्या आप ये भूल गए है कि हमारे ही छात्र हार्वड और कैम्ब्रिज चला रहे है, सिर्फ़ पढ़ने नही जाते हैं. अभी मैं ये बोल रही हूँ तो इसमें भी राजनीति देखेंगे.
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री की तरफ से यह बयान ऐसे वक्त पर दिया गया है जब काली पोस्टर पर विवाद के बीच उनकी ही पार्टी के नेता महुआ मोइत्रा ने जो बयान दिया, उसकी काफी आलोचना हो रही है. टीएमसी ने खुद महुआ मोइत्रा के बयान से किनारा कर लिया है.
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
दरअसल, महुआ मोइत्रा इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2022 के प्रोग्राम में डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर सवाल पूछा गया. जिसके जवाब में मुहआ मोइत्रा ने कहा, "काली के कई रूप हैं. मेरे लिए काली का मतलब मांस प्रेमी और शराब (Wine) स्वीकार करने वाली देवी है. लोगों की अलग-अलग राय होती है, मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है." टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आगे कहा, "आप अपने भगवान को कैसे देखते हैं. अगर आप भूटान और सिक्किम जाओ तो वहां सुबह पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है, लेकिन यही आप यूपी में किसी प्रसाद दे दो तो उसकी भावना आहत हो सकती है." महुआ मोइत्रा ने कहा मेरे लिए देवी काली एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी के रूप में हैं. देवी काली के कई रूप हैं.
फिल्म 'काली' के पोस्टर से जुड़े विवाद को लेकर महुआ मोइत्रा ने उसका समर्थन करते हुए कहा कि, अगर आप तारापीठ जाएं तो काली मंदिर के बाह साधू आपको स्मोकिंग करते हुए मिल जाएंगे. वे लोग भी काली की पूजा करते हैं. उन्होंने कहा हिंदू होने के नाते मैं काली को किस रूप में देखती हूं इसकी मुझे आजादी है और लोगों को भी होनी चाहिए. मोइत्रा ने कहा कि लोगों को किस प्रकार से अपने भगवान की पूजा करनी चाहिए इसकी आजादी उन्हें मिलनी चाहिए.
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