ऐसे वक्त में जब कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लोग पहले से ही बुरी तरह परेशान हैं आंध्र प्रदेश में सैकड़ों लोग एक रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आ गए हैं और अपनी इलाज करवा रहे हैं. आंध्र प्रदेश के एलुरू में शनिवार को सबसे पहले आए इस मामले के बाद सरकार ने मेडिकल एक्सपर्ट को इसका पता लगाने के लिए भेज दिया है. अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर लोग इससे फौरन ठीक हो रहे है लेकिन एक 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत ने इसको लेकर चिंता बढ़ा दी है.


आंध्र प्रदेश के सीएम का पता लगाने का निर्देश


इधर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी ने एलुरू में सामने आई रहस्यमयी मौत को लेकर जानकारी ली और अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे सतर्कता बरते और वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए संभावित सभी तरह के जांच कराए. सीएम जगनमोहन रेड्डी ने अधिकारियों से कहा है कि वे बीमारियों के बारे में और जो टेस्ट्स और इलाज किया जा रहा है उसके लेकर व्यापक रिपोर्ट सौंपे. इसके साथ ही, दूध और पानी को लेकर जो टेस्ट रिपोर्ट है वो भी दें.





रविवार को हुई रहस्यमयी बीमार से एक शख्स की मौत


गौरतलब है कि एलुरु शहर के विद्यानगर इलाके के 45 वर्षीय व्यक्ति रविवार शाम को बीमारी के कारण मौत हो गई. इनकी पहचान श्रीधर के रूप में हुई है. उन्हें सुबह मिर्गी और जी मिचलाने के लक्षणों के साथ स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार श्रीधर शाम तक अपने मिर्गी के लक्षणों से उबर चुके थे. उनकी मौत अन्य सिम्टम्स से हुई.


आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले से ताल्लुक रखने वाले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस बारे में बातचीत की. एलुरु में बड़ी संख्या में बच्चों समेत अन्य लोगों को इस रहस्यमयी बीमारी का पता चलने के बाद अस्पतालों में भर्ती कराया गया था.


उपराष्ट्रपति सचिवालय की ओर से एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सूचित किया है कि एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर (आपात चिकित्सा) डॉ जमशेद नायर, एनआईवी पुणे में विषाणु विज्ञानी डॉ अविनाश देवश्तावर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में उप निदेशक डॉ संकेत कुलकर्णी को एलुरु भेजा जा रहा है. उपराष्ट्रपति को यह भी बताया गया कि एम्स के एक विष नियंत्रण दल ने रविवार को एलुरु के डॉक्टरों से इस मामले में बातचीत की.


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