नई दिल्ली: असम में NRC यानी नागरिकता की लिस्ट सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल में घमासान तेज हो गया है. असम में 40 लाख लोगों को नागरिक नहीं माना गया है. इस बीच बीजेपी की तरफ से बड़ा बयान आया है, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि अगर पश्चिम बंगाल में वो सत्ता में आए तो वहां भी NRC की प्रक्रिया को लागू किया जाएगा.


बीजेपी महासचिव और पश्चिम बंगाल में बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसे लेकर संकेत दिए हैं. नादिया जिले में सभा को संबोधित करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर बड़ा हमला किया. कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में घुसैपिठियों का मुद्दा भी उठाया.


बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय में इशारा किया है कि असम के बाद अगला नंबर पश्चिम बंगाल का हो सकता है. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ''अगर असम में NRC से 40 लाख घुसपैठिए पकड़े गए तो पश्चिम बंगाल में ये तादाद करोड़ों में है. असम में सुप्रीम कोर्ट ने मॉनटरिंग की.''


कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ''पश्चिम बंगाल का युवा चाहता है कि बांग्लादेश से आए घुसपैठियों की पहचान हो, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों जैसे कि बेरोजगारी और कानून व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी उनकी मांगों का समर्थन करती है.''


असम के बहाने ममता का केंद्र पर हमला
इस बीच असम की नागरिकता लिस्ट के बहाने ममता बनर्जी ने खुलकर असम और केंद्र सरकार पर हमला बोला है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने ऐसे लोगों को बाहर किया है जो उसे वोट नहीं देते.


कल एनआरसी की लिस्ट आने के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ''लिस्ट से कई बंगालियों का नाम बाहर होने से हम चिंतित हैं. इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं जिससे हम किसी से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. 40 लाख लोगों के नाम ड्राफ्ट में ना होना बहुत ही भयावह है. इसकी वजह से कई बंगालियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.''


उन्होंने कहा, ''आज हमारी पार्टी के सांसद ने सदन में इस मुद्दे को उठाया तो गृहमंत्री ने कहा कि चिंता करने की बात नहीं है. अगर ऐसा है तो इंटरनेट सेवाएं क्यों बंद की गईं हैं. अगर स्थिति सामान्य है तो केंद्र ने 15 कंपनी अतिरिक्त फोर्स क्यों भेजी? कई ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार कार्ड और पासपोर्ट हैं लेकिन उनका भी नाम लिस्ट में नहीं है. लोगों के सरनेम की वजह से भी लिस्ट से नाम हटाया गया है.''


असम: एनसीआर के फाइनल ड्राफ्ट में क्या है?
असम में कल यानी सोमवार को नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया. जिसके मुताबिक कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदन में से दो करोड़ नवासी लाख लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब चालीस लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं. NRC का पहला मसौदा 1 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे. दूसरे ड्राफ्ट में पहली लिस्ट से भी काफी नाम हटाए गए हैं.


नए ड्राफ्ट में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों के नाम पते और फोटो हैं. इस ड्राफ्ट से असम में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बारे में जानकारी मिल सकेगी. असम के असली नागरिकों की पहचान के लिए 24 मार्च 1971 की समय सीमा मानी गई है यानी इससे पहले से रहने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.


NRC अब आगे क्या होगा?
केंद्र सरकार खुद कह रही है कि ये फाइनल लिस्ट नहीं है सिर्फ ड्राफ्ट है. इस ड्राफ्ट के बाद हर किसी को दावे और शिकायत देने का मौका दिया जाएगा. यानी जिन 40 लाख लोगों के नाम नहीं हैं वो अब अपने दस्तावेज के साथ एनआरसी में जा सकेंगे. सिर्फ इतना ही नहीं फाइनल लिस्ट आने के बाद भी विदेशी घोषित हुए लोगों के पास फॉरेन ट्राइब्यून में जाने का मौका मिलेगा.


फॉरेन ट्राइब्यून में फैसला आने के बाद भी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार लोगों को प्राप्त रहेगा. संसद में गृहमंत्री ने आश्वासन भी दिया कि अगर किसी के भी विरुद्ध बलपूर्वक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, इसलिए किसी को भी घबराने की ज़रूरत नहीं है.