नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने पेगासस जासूसी मामला, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर मंगलवार को बैठक की. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने और दबाव बनाने के लिए वे एकजुट होकर साझा रणनीति पर काम करेंगे. राहुल गांधी के न्योते पर कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेता यहां कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर मिले. हालांकि इसमें आमंत्रित पार्टियों में बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भाग नहीं भाग लिया.
बैठक में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश एवं कई सांसद, तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, शिवसेना नेता संजय राउत, राजद के मनोज झा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल समेत 15 दलों के नेता शामिल हुए.
राहुल गांधी ने बैठक में कहा, ‘‘आप लोगों को आमंत्रित करने का एकमात्र मकसद था कि हमें एकजुट होना चाहिए. जितना ही ये आवाज एकजुट होगी, उतना ही शक्तिशाली होगी और भाजपा एवं आरएसएस के लिए इसे दबाना उतना ही मुश्किल होगा.’’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमें एकजुटता की बुनियाद को याद रखना चाहिए.’’
सूत्रों का कहना है कि नाश्ते पर हुई इस बैठक में कुल 17 पार्टियों को न्यौता दिया गया था, लेकिन बसपा और आम आदमी पार्टी के नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए. बैठक के बाद राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता महंगाई का विरोध करते हुए साइकिल से संसद पहुंचे.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ नाश्ते पर ऐसे समय बैठक की है जब पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र आरंभ हुआ था. लेकिन, अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.
विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.