चुनाव के बीच पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे से भड़कीं ममता बनर्जी, बोलीं- ये है आचार संहिता का उल्लंघन
टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ने खड़गपुर में कहा- यहां पर चुनाव हो रहा है और वे (पीएम) बांग्लादेश गए हैं और बंगाल पर व्याख्यान दे रहे हैं. यह पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.
West Bengal Assembly Elections 2021: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे का शनिवार को दूसरा दिन है. पीएम मोदी ने वहां पर ओरकांडी में मतुआ समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला भी मौजूद थे. पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय का करीब 30 से 40 विधानसभा सीटों पर असर माना जाता है. उधर, विधानसभा चुनाव के लिए हो रही वोटिंग के बीच प्रधानमंत्री मोदी का बांग्लादेश दौरा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बिल्कुल भी रास नहीं आई. उन्होंने इसे आचार संहिता का सरासर उल्लंघन करार दिया.
टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ने खड़गपुर में कहा- "यहां पर चुनाव हो रहा है और वे (पीएम) बांग्लादेश गए हैं और बंगाल पर व्याख्यान दे रहे हैं. यह पूरी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है." ममता ने आगे कहा- कभी-कभी वे कहते हैं कि ममता बांग्लादेश से लोगों को लेकर आई हैं और घुसपैठ कराया है. लेकिन वह खुद वोट मार्केटिंग करने के लिए बांग्लादेशे चले गए.
Elections are underway here and he (PM) goes to Bangladesh and lectures on Bengal. It is a total violation of code of conduct of the election: West Bengal CM & TMC leader Mamata Banerjee in Kharagpur. pic.twitter.com/dallgHZcji
— ANI (@ANI) March 27, 2021
ओराकंडी में क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "मैं कई सालों से ओराकांडी आने का इंतजार कर रहा था और जब मैं 2015 में बांग्लादेश आया था तो मैंने ओराकांडी जाने की अभिलाषा व्यक्त की थी. मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले मतुआ संप्रदाय के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकांडी आकर महसूस करते हैं."
भारत-बांग्लादेश के संबंध पर क्या बोले पीएम मोदी
दोनों देशों के रिश्तों पर पीएम मोदी ने कहा, "भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं. दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम और शांति चाहते हैं."
पीएम मोदी ने आगे कहा, "श्री श्री हॉरिचान्द देव जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने में, दलित-पीड़ित समाज को एक करने में बहुत बड़ी भूमिका उनके उत्तराधिकारी श्री श्री गुरुचॉन्द ठाकुर जी की भी है. श्री श्री गुरुचॉन्द जी ने हमें 'भक्ति, क्रिया और ज्ञान' का सूत्र दिया था. गुलामी के उस दौर में भी श्री श्री हॉरिचान्द ठाकुर जी ने समाज को ये बताया कि हमारी वास्तविक प्रगति का रास्ता क्या है. आज भारत हो या बांग्लादेश सामाजिक एकजुटता, समसरता के उन्हीं मंत्रों से विकास के नए आयाम छू रहे हैं."