पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद पर क्या होगा भारत का रुख? जयशंकर ने दो शब्दों में दिया जवाब- 'उरी' और 'बालाकोट'
S Jaishankar Remarks: भारत लंबे समय से पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद का जवाब देता आ रहा है. सीमापार आतंकवाद से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि यकीन मानिए, उरी और बालाकोट ने अपना संदेश भेजा है.

S Jaishankar Remark On Terrorism: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (26 फरवरी) को राष्ट्रीय सुरक्षा को एक जटिल गणित बताते हुए एलएसी पर चीनी घुसपैठ और पाकिस्तान से चलने वाले आतंकवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने पाकिस्तान को भारत के जवाब के रूप में उरी और बालाकोट मिशन का जिक्र किया. विदेश मंत्री जयशंकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में 'भारत और विश्व' विष्य एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
भारत ने 2016 में कश्मीर के उरी में सैन्य बेस पर हमले के जवाब में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
वहीं, पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में पाकिस्तानी आतंकी शिविरों पर हवाई हमला किया था. पुलवामा हमला फरवरी 14 फरवरी 2019 को हुआ था, जिसमें 40 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी.
'हमने देश की रक्षा को और ज्यादा प्रभावी बनाया'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा की गणना बहुत अधिक जटिल हो गई है...'' उन्होंने कहा कि भारत ने सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर काम किया है. उन्होंने कहा कि इस एक पहलू की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही थी.
उन्होंने कहा, ''जब हमें चीन के साथ LAC पर चुनौती दी गई, तो COVID के बीच त्वरित और प्रभावी जवाबी तैनाती ही उचित जवाब था. सीमा पर लंबे समय से उपेक्षित बुनियादी ढांचे को सुधारने की कोशिश की जा रही है.'' उन्होंने कहा, ''हमने देश की रक्षा को और ज्यादा प्रभावी बनाया है.''
उरी और बालाकोट पर क्या बोले विदेश मंत्री?
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद पर भारत की प्रतिक्रिया उरी और बालाकोट की घटनाओं में देखी गईं. विदेश मंत्री ने कहा, ''पश्चिमी मोर्चे पर सीमा पार आतंकवाद की लंबे समय से चली आ रही चुनौती को अब और ज्यादा उचित जवाब मिल रहा है.'' उन्होंने कहा, ''यकीन मानिए, उरी और बालाकोट ने अपना संदेश भेजा है.''
विदेश मंत्री ने कहा कि जहां भारत सवालों का जवाब देने से नहीं कतराएगा, वहीं सवाल पूछने वालों से सवाल करने का साहस भी रखता है.
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