लोकसभा में गतिरोध खत्म, राजनाथ सिंह के बयान के बाद शुरू हुई राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सभी दलों के नेताओं से आग्रह किया कि वे स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ करें.
लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में जारी गतिरोध आज थम गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अपील के बाद शाम पांच बजे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा सुचारू रूप से शुरू हुई. रक्षामंत्री ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाना सभी की जिम्मेदारी है. राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि जीवंत लोकतंत्र की परंपरा को बनाए रखना किसी एक पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सबकी जिम्मेदारी है.
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सभी दलों के नेताओं से आग्रह किया कि वे स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ करें.
विवादों में घिरे नये कृषि कानूनों के मुद्दे पर कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही सोमवार को शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही शुरु होते ही पिछले कुछ दिनों की तरह आज भी कांग्रेस और द्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे.
Our democracy is lively & healthy,& everyone above party lines wants to keep it the same. It's our responsibility to keep dignity of every institution. I appeal to everyone to hold discussions on Presidential address & not let traditions break down:Defence Min Rajnath Singh in LS pic.twitter.com/9TPLyFzID1
— ANI (@ANI) February 8, 2021
शोर-शराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल आगे बढ़ाया. इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने मंत्रालय से संबंधित कुछ पूरक प्रश्न के उत्तर दिए. इस बीच, सदन में नारेबाजी जारी रही. कांग्रेस और द्रमुक के सदस्यों ने ‘काले कानून वापस लो’ के नारे लगाए. तृणमूल कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े नजर आए.
सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनता ने आपको संवाद और चर्चा के लिए भेजा है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्नकाल सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. इसमें आप सरकार से जवाब मांग सकते हैं. आपको जनता ने नारे लगाने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा है. यह संसदीय परंपराओं के अनुरुप नहीं है. आप माननीय हैं, माननीय जैसा व्यवहार कीजिए. अपने स्थान पर जाइए और प्रश्नकाल को चलने दीजिए.’’ सदन में हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने करीब चार बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी.