नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की धरने की राजनीति पर राज्य के कांग्रेस प्रमुख अजय माकन का कहना है कि दिल्ली में धरने का तमाशा चल रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एलजी के यहां धरना पर बैठे हैं और बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) सचिवालय में धरना कर रही है जिसपर माकन ने कहा कि ये दोनों की सोची-समझी साजिश है.


चीफ सेक्रटरी की पिटाई साजिश के तहत करवाई गई
माकन ने आरोप लगाते हुए ये तक कहा है कि चीफ सेक्रटरी की पिटाई साजिश के तहत करवाई गई. वो जानते थे कि इसका अंजाम क्या होगा. ऐसा इसलिए किया गया ताकि (केजरीवाल) नाकामियों से ध्यान भटकाया जा सके. उन्होंने आगे कहा कि शीला सरकार ने 15 सालों तक दिल्ली की सेवा की. शीला दीक्षित को तीन प्रमुख कामों के लिए याद किया जाता है. मेट्रो, सीएनजी और बिजली सुधार.


मेट्रो तब शुरू हुई जब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी
शीला सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए उन्होंने कहा कि मेट्रो तब शुरू हुई जब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी. दिल्ली में जब सीएनजी लागू किया तब भी केंद्र में बीजेपी की सरकार थी. बिजली में सुधार किया जिस कारण 24 घंटे बिजली आती है. पहले आधे से ज्यादा बिजली चोरी हो जाती थी. उन्होंने केजरीवाल को याद दिलाने के लहज़े में कहा कि कांग्रेस के समय में जब ये सारे काम हुए और तब केंद्र में दूसरी पार्टी की सरकार थी.


कांग्रेस लोगों के मुद्दे उठाती रहेगी
माकन ने केजरीवाल पर नाकामी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास जो अधिकार है उसके हिसाब से भी वो भी काम नहीं कर पा रहे, मामला चाहे बसों का हो या जल बोर्ड का. हमारे समय के मुकाबले शिक्षा में भी रिजल्ट खराब हुए हैं. ये धरना इसीलिए किया जा रहा है ताकि लोगों का ध्यान अपनी नाकामी से हटा सकें. प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख ने कहा कि दोनों पार्टियां धरने की राजनीति बन्द करें और लोगों के काम करे. कांग्रेस लोगों के मुद्दे उठाती रहेगी.


सरकार को धरना देते कभी नहीं देखा
वहीं, दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा कि सरकार को धरना देते कभी नहीं देखा. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि केजरीवाल का मकसद समझ नहीं आता और मोदी के नीचे काम करने की चुनौती पर ये (धरने की राजनीति) बेबुनियाद है. उन्होंने भी माकन की बात दोहराते हुए कहा कि केंद्र में बीजेपी सरकार के दौरान भी कांग्रेस ने वो काम किए जो आसान नहीं थे. दिल्ली एक केंद्र शासित राज्य है. केजरीवाल किस लिए लड़ रहे हैं ये समझ में नहीं आता. पूर्व सीएम ने सवाल उठाया कि केजरीवाल का मकसद क्या है?


क्या केजरीवाल काम नहीं करना चाहते?
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए संविधान संशोधन करना पड़ेगा जो केवल संसद में किया जा सकता है और पूछा कि क्या केजरीवाल काम नहीं करना चाहते? उन्होंने याद दिलाया कि पूर्ण राज्य की मांग उन्होंने भी की थी. लेकिन ये समझ आ गया कि ऐसा मुमकिन नहीं है. इसके लिए संविधान संशोधन की जरूरत है. कांग्रेस ने इसपर राजनीति नहीं की और इसको बहाना नहीं बनाया.


विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने किया है केजरीवाल के धरने का समर्थन
शीला और माकन भले ही केजरीवाल पर हमलावर हैं लेकिन उन्हें विपक्ष की कई पार्टियों का समर्थन प्राप्त है. दिल्ली के सीएम के धरने को समर्थन देने वालों में लेफ्ट पार्टी सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, लालू यादव की पार्टी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार की जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, फिल्म अभिनेता से नेता बने कमल हसन जैसे नाम शामिल हैं. इन सबसे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने धरने पर बैठे दिल्ली के सीएम को उचित सम्मान देने की मांग की थी.


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