केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 20 दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कई बार बातचीत भी हो चुकी है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है. लेकिन आज एबीपी न्यूज के मंच पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से किसान नेता शिव कुमार कक्काजी ने तल्ख सवाल पूछ डाले.


किसान नेता ने पूछा कि मध्य प्रदेश के बीजेपी मंत्री ने किसानों को कुकुरमुत्ता क्यों कहा है? एमपी के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा था कि देश में कुकुरमुत्ते की तरह 500 किसान संगठन अचानक ही पनप गए हैं और ये देशद्रोही हैं. उनके इस बयान के बाद किसान नेता काफी नाराज हो गए हैं और विरोध कर रहे हैं.



विवादित बयानबाजी पर लगवाएं रोक
एबीपी न्यूज के मंच  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बात करते हुए किसान नेता शिव कुमार कक्काजी ने पटेल के बयान को सरासर गैरवाजिब करार दिया. उन्होंने कहा कि पटेल के बयान से किसान खासे नाराज हैं. उन्होंने तोमर से अपील की कि वे इस तरह की विवादास्पद बयानबाजी पर रोक लगवाएं. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की सत्ता पर इस समय शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार काबिज है.


गलत बयानबाजी से बचें नेता
किसान नेता द्वारा सवाल पूछे जाने केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि वह कक्काजी की बातों से पूरी तरह सहमत हैं. उन्होंने कहा, ‘ मैं इस बात के पक्ष में हूं कि किसी को गलत बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. ऐसी बातें लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं. मैं नेताओं से अपील करता हूं कि वे ऐसी बयानबाजी से बचें.’



चर्चा से जल्द निकलेगा समाधान
कृषि मंत्री ने कहा, ''मुझे लगता है कि किसान यूनियन के नेता भी चिंतित हैं. मैं कक्का जी बात से सहमत हूं कि इस तरह के आंदोलन को लेकर चर्चा से ही समाधान निकलते हैं. हम भी चर्चा के जरिए जल्द समाधान होगा. अभी विश्वास का संकट है. मुझे भरोसा है कि जल्दी ही तारीख तय होगी. तारीख हो लेकर बातचीत चल रही है.'' कृषि मंत्री की इस बात पर किसान नेता शिवकुमार कक्का जी ने कहा कि सरकार कल चाहे तो बुला ले हम तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमें पहले सरकार की तरफ से कोई तारीख मिले और निमंत्रण मिले. हम सभी चर्चा के लिए तैयार हैं.


विश्वास है दोबारा शुरू होगी बातचीत, समाधान निकलेगा- तोमर
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. इस आंदोलन को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसानों से अनेक दौर की बातचीत हुई है. किसानो की तकलीफ पर बातचीत करने के लिए तैयार है. किसानों को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है. मुझे विश्वास है कि दोबारा फिर बात होगी और हम समाधान पर पहुंचेंगे.''वहीं उन्होंने कहा, ''हम किसान यूनियन के संपर्क में हैं, हमारा प्रयास है कि जल्द ही प्रस्ताव पर सहमति हो. सर्दी का मौसम है, कोविड का संकट भी है. इसीलिए सरकार को चिंता है कि समस्या का समाधान जल्दी हो.''


जल्दी कार्रवाई हो इसलिए एसडीएम का प्रावधान- तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने, ''किसान यूनियन के सामने कानून के पीछे जो भाव सरकार है उसे हमने विस्तार से रखा है. सारा देश देख रहा है कि कानून के हर क्लॉज का फायदा किसानों को मिलना शुरू हो रहा है. होशंगाबाद में एसडीएम की कार्रवाई इसलिए हो सकी क्योंकि कानून में प्रावधान है. लेकिन अगर यही विषय अगर कोर्ट में जाता तो शायद इतनी जल्दी इसका हल नहीं निकल पाता. कोर्ट में पहले से बहुत केस पेंडिग रहते हैं, इसलिए इतनी जल्दी न्याय मिलना संभव नहीं हो पाता.''


एमएसपी के मुद्दे पर क्या बोले कृषि मंत्री तोमर
किसानों की ओर से सबसे बड़ा मुद्दा एमएसपी को लेकर उठाया जा रहा है. इस पर कृषि मंत्री ने कहा, ''एमएसपी का विषय सदन में भी चर्चा के दौरान आया था. मैंने और प्रधानमंत्री ने देश को आश्वास्त किया है कि एमएसपी पर किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है. एमएसपी पर खरीद को बढ़ाया गया है, एमएसपी पर पहले सिरअफ गेहूं और धान की खरीद होती थी लेकिन अब दलहत और तिलहन को भी शामिल किया जा रहा है. हमने किसान नेताओं से कहा है कि कुछ चीजें कानून में नहीं होतीं और वो प्रशासकीय निर्णय से चलती हैं. एमएसपी भारत सरकार के प्रशासनीत निर्णय में शामिल है.''



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