नई दिल्ली: कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 40 किसान संघों के प्रधान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन के छह माह होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. डिजिटल तरीके से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में लोगों से 26 मई को अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काला झंडा लगाने की अपील की है.
राजेवाल ने कहा, '26 मई को इस प्रदर्शन के छह महीने हो जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार बनाने के सात साल पूरे होने के अवसर पर यह हो रहा है. हम इसे काला दिवस के तौर पर मनाएंगे.' केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत पानी की बौछारों और अवरोधकों का सामना करते हुए बड़ी संख्या में किसान 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर आए थे.
समर्थन की अपील
आगे के महीनों में राष्ट्रीय राजधानी के करीब टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर देशभर से हजारों किसान आ जुटे. राजेवाल ने लोगों से 26 मई को ‘काला दिवस’ मनाते हुए किसानों का समर्थन करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'हम देश के लोगों से अपने मकानों, दुकानों, ट्रकों और अन्य वाहनों पर काला झंडे लगाने की अपील करते हैं. हम विरोध के तौर पर प्रधानमंत्री का पुतला भी जलाएंगे.'
राजेवाल ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को नहीं सुन रही है और उर्वरकों, डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से खेती करना संभव नहीं रह गया है. एसकेएम ने जन संगठनों, कारोबारी संगठनों से किसानों की मांग के समर्थन में काला झंडा लेकर प्रदर्शन करने की अपील की है. एसकेएम ने एक बयान में कहा, 'कृषि कानूनों को वापस लेने, एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने और बीजेपी को सबक सिखाने के लिए ‘मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड’ की शुरुआत करने का भी फैसला किया गया है.'
महिला सुरक्षा समितियों का होगा ऐलान
टीकरी बॉर्डर पर एक महिला कार्यकर्ता के कथित यौन उत्पीड़न का मामला आने के मद्देनजर एसकेएम ने कहा कि वह जल्द ही अपनी ‘महिला सुरक्षा समितियों’ के नामों की घोषणा करेगा. बलात्कार की शिकार महिला की बाद में कोविड-19 संक्रमण से हरियाणा के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. एसकेएम ने कहा, 'दो दिनों में एसकेएम बॉर्डर के सभी प्रदर्शन स्थलों के लिए अपनी महिला सुरक्षा समितियों की घोषणा करेगा. इसके तहत आंदोलन में भागीदारी करने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.'