(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत पर तालिबान का बयान, कहा- उसने नहीं किया हमसे संपर्क
भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबानी गोलीबारी में मौत हो गई थी. जिस पर तालिबान का कहना है कि उनसे संपर्क नही करने के कारण वह गोलीबारी का शिकार हुए.
नई दिल्लीः अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाके तेजी से एक के बाद एक शहर पर तेजी से कब्जा करते जा रहे हैं. जिससे वहां के हालात काफी तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं. इसबीच दोहा, कतर में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद सोहेल शाहीन ने बताया है कि तालिबान ने अफगानिस्तान के "90 प्रतिशत" पर नियंत्रण कर लिया है.
तालिबान से संपर्क नहीं करने पर हुई मौत
तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद सोहेल शाहीन ने भारतीय समाचार चैनल के साथ हुए एक इंटरव्यू में साफ किया है कि तालिबानी गोलीबारी में हुई भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत का जिम्मेदार वह खुद हैं. उनका कहना है कि फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी ने तालिबान के साथ कोऑर्डिनेट नहीं किया था. इस कारण तालिबानी गोलीबारी में उनकी मौत हो गई.
शाहीन ने तालिबान लड़ाकों की गोलीबारी में मारे गए पुल्तिजर विजेता फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत पर बात करते हुए कहा कि 'आप यह नहीं कह सकते हैं कि वह हमारे लड़ाकों द्वारा मारा गया. उसने हमारे साथ समन्वय नहीं किया इसलिए उसके साथ ऐसा हुआ. हमने पत्रकारों को एक बार नहीं कई बार घोषणा की है कि जब भी वह हमारे स्थान पर आते हैं तो हमारे साथ समन्वय करें और हम उन्हें सुरक्षा प्रदान करेंगे. '
दुश्मन सेना का साथ देने वाला दुश्मन
शाहीन का कहना है कि दानिश सिद्दीकी काबुल के सुरक्षा बलों के साथ जुड़ा हुआ था. इसलिए फिर चाहे वे सुरक्षाकर्मी हों या काबुल के सैनिक या उनमें से एक पत्रकार उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. वह क्रॉस फायरिंग में मारा गया था. इसलिए यह नहीं बताया जा सकता है कि वह किसकी फायरिंग से मारा गया.
एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि दानिश सिद्दीकी को जिंदा पकड़ लिया गया था. जिसके बाद उसे मार दिया गया और उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया. जिस पर तालिबान के प्रवक्ता ने इससे इनकार करते हुए कहा कि 'यह हमारी नीति नहीं है. यह संभव है कि सुरक्षा बलों ने हमें बदनाम करने के लिए ऐसा किया हो. शवों को क्षत-विक्षत करना इस्लाम के नियमों के खिलाफ है.'
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