श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित किए जाने पर सवाल उठाया है. एक ट्वीट में अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में नौकरियां सबके लिए है लेकिन मध्य प्रदेश में नौकरियां ‘केवल’ राज्य के लोगों के लिए है. उन्होंने कहा कि इसमें ‘आश्चर्य की कोई बात नहीं’ है.


 इल्तिजा मुफ्ती ने कही ये बात 


इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि नगालैंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्य सिर्फ स्थानीय लोगों के अधिकारों के लिए ’अर्ध स्वायत्ता दर्जे’ की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर से ‘संवैधानिक तौर पर मिले इन अधिकारों को छीन लिया गया क्योंकि यह मुस्लिम बहुल’ है. इल्तिजा ने यह अपनी मां के ट्वीटर हैंडल पर लिखा है. पिछले साल जब महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया तब से वही यह अकाउंट चला रही हैं.






ट्वीट में कहा गया, ‘‘ भाजपा के भारत में अल्पसंख्यकों के लिए कोई जगह नहीं है और जिन्ना के दो देश की थ्योरी सही साबित हो रही है.’’ इससे पहले दिन में चौहान ने कहा था कि मध्य प्रदेश में सिर्फ स्थानीय लोगों को ही सरकारी नौकरी मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कानूनी प्रावधान किए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के संसाधन राज्य के लोगों के लिए है.


कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
इस फैसले को जहां भाजपा ने ऐतिहासिक करार दिया है, वहीं कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को ऐलान किया कि राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया है कि मध्य प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब सिर्फ राज्य के लोगों को ही दी जाएगी. इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं.


मुख्यमंत्री चौहान के सरकारी नौकरी राज्य के युवाओं को दिए जाने के फैसले का भाजपा ने स्वागत करते हुए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के संसाधन राज्य के बच्चों के लिए होने का जो फैसला लिया है, वह ऐतिहासिक है.


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