सीआईएसएफ देश की उन चुनिंदा फोर्स में से एक है जिसमें 'जीरो-एरेर' की गुजाइंश है. ऐसा इसलिये क्योंकि ये उन सुरक्षाबलों में से एक है जिनका 'पब्लिक-डिलिंग' सबस ज्यादा है. ये मानना है देश के गृह-सचिव अजय कुमार भल्ला का.
गृह सचिव बुधवार को राजधानी दिल्ली के करीब इंदिरापुरम में सीआईएसएफ के 52वें स्थापना दिवस के मौके पर जवानों को संबोधित कर रहे थे. गृह सचिव के मुताबिक, सेंट्रल इंडिस्ट्रयस सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) आज देश के सभी एयरपोर्ट से लेकर मैट्रो रेल और सांस्कृतिक धरोहर से लेकर परमाणु संयंत्रों तक की सुरक्षा में तैनात है.
VIP सिक्योरिटी में भी CISF के कमांडो तैनात रहते हैं
इसके अलावा वीआईपी सिक्योरिटी में भी सीआईएसएफ के कमांडो तैनात रहते हैं. ऐसे में सीआईएसएफ के जवानों का सबसे ज्यादा आमजनों से वास्ता पड़ता है. लेकिन इतनी पब्लिक-डिलिंग के बावजूद सीआईएसएफ की बहुत कम शिकायत देखने और सुनने में मिलती हैं लेकिन बेहद जरूरी है कि सीआईएसएफ में 'जीरो-एरेर' की गुजाइंश हो.
10 मार्च यानि बुधवार को सीआईएसएफ ने अपना 52वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर इंदिरापुरम स्थित सीआईएसएफ कैंपस में भव्य परेज और सिक्योरिटी-ड्रिल का आयोजन किया गया. इस मौके पर बोलते हुए सीआईएसएफ के डीजी, सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा कि ऑपरेशन्ल-चुनौतियां हमेशा नहीं मिलती हैं. ऐसे में बेहद जरूरी है कि सीआईएसएफ के जवानों से किसी भी तरह की कोई चूक ना हो.
एयरपोर्ट्स की सुरक्षा CISF के जिम्मे
महानिदेशक के मुताबिक, पिछले साल सीआईएसएफ को लेह, जम्मू और श्रीनगर एयरपोर्ट्स की सुरक्षा का भी जिम्मा मिला. आपको बता दें कि कंधार विमान अपहरण (आईसी-814 हाईजैकिंग) के बाद से देश के सभी एयरपोर्ट्स की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले कर दी गई थी. लेकिन जम्मू-कश्मीर (लेह सहित) की सुरक्षा राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के पास थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद अब यहां के एयरपोर्ट्स की सुरक्षा भी सीआईएसएफ को सौंप दी गई है. सीआईएसएफ एक मात्र ऐसी फोर्स है जो सरकारी प्रतिष्ठानों के साथ साथ प्राईवेट संस्थानों की सुरक्षा में भी तैनात है.
इस मौके पर सीआईएफएफ के जवानों (जिसमें महिला जवान भी शामिल थीं) ने एक भव्य परेड का आयोजन किया. इसके अलावा वीआईपी सिक्योरिटी के दौरान किसी भी गणमान्य व्यक्ति की सुरक्षा के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर सकते हैं उसके लिए 1981 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुए हमले के जरिए दिखाया गया कि कैसे सीआईएसएफ के कमांडो वीआईपी की सुरक्षा करते हैं.
वीआईपी सुरक्षा में बैलेस्टिक-सूटकेस को कैसे टेक्टिकल-शील्ड में तब्दील कर किसी भी हमला का सामना किया जाता है उसकी भी ड्रिल पेश की गई. इसके अलावा एक सयंत्र में लगी आग पर कैसे काबू किया जाता है और फंसे हुए लोगों को वहां से सुरक्षित बचाया जाता है उसका भी नमूना पेश किया गया.
यह भी पढ़ें.
Bengal Elections: आज नामांकन करेंगी ममता, BJP उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी नंदीग्राम में करेंगे रोडशो