लॉकडाउन पर तरह-तरह की याचिकाओं पर SC ने कहा- ‘वकील खाली बैठे हैं तो क्या कुछ भी दाखिल कर देंगे’
कोरोना वायरस के चलते इन दिनों पूरे देश में लॉकडाउन है. सरकार इस संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में तरह तरह की याचिकाएं दाखिल हो रही हैं.
नई दिल्ली: ''बेकार आदमी कुछ किया कर कपड़े उधेड़ कर सिला कर'' फिल्म जॉली एलएलबी दो में वकील प्रमोद माथुर यानी अनु कपूर, अपने प्रतिद्वंद्वी वकील जगदीश्वर मिश्रा बने अक्षय कुमार के लिए ऐसा कहते हैं. आज सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसी ही बात एक वकील से कही. कोर्ट ने कहा, “अगर इन दिनों कोई काम नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप लोग कुछ भी याचिका दाखिल करने लगें.“ याचिकाकर्ता मास्क और सैनिटाइजर से जीएसटी हटाने की मांग कर रहे थे.
आज सुप्रीम कोर्ट में लगे ज्यादातर मामले कोरोना और लॉकडाउन से जुड़े हुए थे. सब पर कोर्ट का यही रवैया था कि सरकार हालात के हिसाब से उचित फैसले ले रही है अदालत गैरजरूरी आदेश पारित करके मामले को और नहीं उलझाना चाहते.
चिड़ियाघर के जानवरों पर याचिका
लॉकडाउन के दौरान चिड़ियाघर के जानवरों को सही मांस न मिल पाने, उनकी देखभाल न हो पाने पर भी एक याचिका सुनवाई शिकायत पर कोई आदेश देने से SC ने मना किया. कहा- अभी इंसान भी दिक्कत में हैं. सरकार हालात के मुताबिक कदम उठा रही है.
राज्यों को उपकरण खरीदने की इजाज़त नहीं
राज्यों को सीधे मेडिकल उपकरण खरीदने से रोकने वाले केंद्र के आदेश में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया. कोर्ट ने कहा- “कोरोना की समस्या सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं है. क्या होगा अगर एक ही राज्य सारे PPE किट खरीद लें? बेहतर है, केंद्र सरकार को हालात के मुताबिक निर्णय लेने दिया जाए.“
मज़दूरों को आमदनी पर आदेश नहीं
लॉकडाउन में खाली बैठे मज़दूरों को आमदनी देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश देने से मना कर दिया. कोर्ट का कहना था, “कई बातें ऐसी हैं, जो सुनने में सही लग सकती हैं. लेकिन मौजूदा हालात में सरकार बेहतर समझती है कि संसाधन का कैसे सही इस्तेमाल हो. हम सरकार को ऐसा कोई आदेश नहीं देना चाहते कि वह पैसों का कहां इस्तेमाल करे.“ उसी तरह गर्भवती महिलाओं और दूसरे लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं के पैसे देने की मांग पर भी आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया.
विदेश से वापस लाना संभव नहीं
ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाने और उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने की मांग पर कोर्ट ने दखल नहीं दिया. सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी कि ईरान में भी लॉकडाउन है. भारतीय दूतावास दूरदराज के इलाकों में रह रहे इन लोगों के संपर्क में है. सभी लोग लांग टर्म वीज़ा पर हैं. उनके पास भोजन, व्हाट्सऐप कनेक्शन वगैरह हैं.
अमेरिका से लोगों को वापस लाने की मांग पर भी सरकार की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि दुनिया भर में ऐसी आवाजाही पर रोक लग चुकी है. अब किसी को ला पाना संभव नहीं है. याचिकाकर्ता की दलील थी कि कई लोगों के लिए यूएस वीज़ा बढ़ाने के 500 डॉलर देना भी मुश्किल. सरकार ने कहा कि अमेरिका के नियमों पर हम कुछ नहीं कह सकते. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप मरीजों और दूसरे ज़रूरी लोगों की जानकारी सरकार को दें. जो हो सकेगा सरकार देखेगी. हम आदेश नहीं देंगे.
J&K में 4G इंटरनेट पर जवाब मांगा
जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सेवा बहाल करने पर कोर्ट ने सरकार को जवाब देने को कहा है. इस मामले में याचिकाकर्ता की दलील थी कि लोगों को डॉक्टर से बात करने, छात्रों की ऑनलाइन क्लास के लिए 4G ज़रूरी है. याचिकाकर्ता के वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट में जज वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई कर रहे हैं. इसके लिए 4G ज़रूरी है. जम्मू-कश्मीर में यह मुमकिन नहीं है.
केंद्र सरकार की तरफ से पेश एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि वहां अभी भी आतंकवाद है. इंटरनेट का दुरुपयोग हो सकता है. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा, “कम से कम उन जगहों पर तो सुविधा मिले जहां खतरा नहीं है.“ कोर्ट ने सरकार से मसले पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहते हुए सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी.
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