भारत कोरोना की एक और खतरनाक लहर से गुजर रहा है. स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की बेकाबू रफ्तार को कम करने के लिए अगले छह दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है. इधर, लगातार सरकार की इस बात को लेकर विपक्षी दलों की ओर से आलोचना की जा रही है कि जब देश में कोरोना संक्रमण के इतने मामले आ रहे हैं तो फिर भारत के लोगों को वैक्सीनेशन पहले कराने की जगह केन्द्र ने विदेशों में वैक्सीन की निर्यात क्यों कर दी?


दुनिया से लेते हैं कच्चा माल


विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसका जवाब सोमवार को छठे नेशनल लीडरशिप कॉन्क्लेव के दौरान दिया. उन्होंने कहा कि यह गलत है कि भारत ने अपने लोगों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता नहीं दी. विदेश मंत्री ने कहा- "जहां तक एक विदेश मंत्री होने के नाते, मैं अन्य देशों खासकर बड़े देशों से यह कहता आ रहा हूं कि वे कच्चे माल दें ताकि भारत में वैक्सीन का उत्पादन हो पाए."






भारत में तैयार वैक्सीन अंतरराष्ट्रीय उत्पाद


विदेश मंत्री ने कहा- "वास्तविकता ये है कि यह एक वैश्विक चेन है. क्या में दुनिया से जाकर यह कह सकता हूं कि लोगों सिर्फ मेरे लिए कच्चा माले देते रहें? मैं आपसे सिर्फ कच्चा माल मांगता हूं लेकिन मैं आपको वैक्सीन नहीं दूंगा. आप वैक्सीन को खुद देंखें. आज आपके यहां पर बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रही वैक्सीन एक अंतरराष्ट्रीय उत्पाद है."


    


अपने लोगों को प्राथमिकता ना देने के आरोप गलत


विदेश मंत्री ने आगे कहा- "यह सच नहीं है कि हम अपने लोगों को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं. जैसे ही स्थिति गंभीर हुई, हमने दुनिया से बात की और कहा कि हमने अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप बेहतर तरीके से खड़े होने का प्रयास किया. लेकिन हमने यह उन्हें समझाया कि हमारे यहां पर स्थिति बेहद भयावह हो चुकी है और ज्यादातर देशों ने उसे माना."


जयशंकर ने आगे कहा- अगर आप यह पूछते हैं कि क्यों वैक्सीन को निर्यात किया जा रहा है तो कुछ लोग यह पूछेंगे कि क्यों मैं भारत को निर्यात करूं. यह अदूरदर्शिता है. सिर्फ गैर-जिम्मेदार लोग इस तरह की बातें कर सकते हैं.


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