नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ओणम के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अनूठा त्योहार है जिसमें सद्भाव का उत्सव मनाया जाता है.


मोदी ने ट्वीट कर कहा, "ओणम पर शुभकामनाएं यह एक अनूठा त्योहार है जिसमें सद्भाव का उत्सव मनाया जाता है. यह हमारे मेहनती किसानों के प्रति आभार व्यक्त करने का भी एक मौका होता है. मैं कामना करता हूं कि हर किसी को खुशी और अच्छी सेहत मिले."






मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी ओणम के बारे में विस्तार से चर्चा की थी. अपने ट्वीट के साथ उन्होंने इसकी एक क्लिप भी साझा की. उन्होंने कहा था कि ओणम बड़ी तेजी से एक अंतरराष्ट्रीय त्योहार बनता जा रहा है. इसकी धूम आज विदेशों तक पहुंच गई है.


राहुल गांधी ने शुभकामनाएं दीं


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ओणम के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और इस पर्व के सभी के लिए अच्छा स्वस्थ्य, खुशहाली और समृद्धि लाने की कामना है.


केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने ट्वीट किया, ''सभी को इस त्यौहार की शुभकामनाएं. मैं कामना करता हूं कि ओणम का यह पर्व सभी के लिए अच्छा स्वास्थ्य, खुशहाली और समृद्धि लेकर आए.''






क्यों मनाया जाता है ओणम?


ओणम का त्योहार राजा महाबली के स्‍वागत में मनाया जाता है. मान्यता के मुताबिक राजा बलि कश्‍यप ऋषि वंशज और विष्‍णु भक्‍त प्रह्लाद के पोते थे. वामन पुराण के अनुसार असुरों के राजा बलि ने अपने बल और पराक्रम से तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था. राजा बलि के आधिपत्‍य को देखकर इंद्र देवता घबराकर भगवान विष्‍णु के पास मदद मांगने पहुंचे. इसके बाद भगवान विष्‍णु ने वामन अवतार धारण किया और राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंच गए.


वामन अवतार में भगवान विष्णु ने बलि से तीन पग भूमि मांगी. पहले और दूसरे पग में भगवान ने धरती और आकाश को नाप दिया. अब तीसरा पग रखने के लिए कुछ बचा नहीं थी तो राजा बलि ने कहा कि तीसरा पग उनके सिर पर रख दें. भगवान वामन ने ऐसा ही किया. इस तरह राजा बलि के आधिपत्‍य में जो कुछ भी था वह देवताओं को वापस मिल गया. वहीं, भगवान वामन ने राजा बलि को वरदान दिया कि वह साल में एक बार अपनी प्रजा और राज्‍य से मिलने जा सकते हैं. राजा बलि के इसी आगमन को ओणम त्‍योहार के रूप में मनाया जाता है. मान्‍यता है कि राजा बलि हर साल ओणम के दौरान अपनी प्रजा से मिलने आते हैं और लोग उनके आगमन पर उनका स्‍वागत करते हैं.