एक बार CNG भरवाने पर 1141 किलोमीटर चलेगी ये बस
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बस लॉन्च करते समय बताया कि शुरुआत में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के साथ पांच बसों का करार किया है. जल्द ही अन्य रूटों पर भी यह बस शुरू की जाएंगी.
नई दिल्ली: सड़कों पर अभी तक आपको जो सीएनजी बस नजर आती हैं वह अमूमन 200 से ढाई सौ किलोमीटर की दूरी तय करती हैं. लेकिन जल्द ही आपको सड़कों पर सीएनजी से चलने वाली एक ऐसी बस नजर आएगी जो एक बार सीएनजी भरवाने पर 1141 किलोमीटर का सफर तय करती है. यह देश की पहली long-range सीएनजी बस है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज इस बस को लॉन्च किया है.
क्या है बस की खासियत
आपके जेहन में पहला सवाल यह होगा कि आखिर इस बस में ऐसी क्या खासियत है कि यह एक बार सीएनजी भरवाने पर 1141 किलोमीटर का सफर तय करती है. इसका जवाब है इस बस में लगने वाले सीएनजी सिलेंडर. अभी तक सीएनजी बस में टाइप वन कार्बन स्टील सिलेंडर लगते हैं. इन सिलेंडर में एक बार में 80 से 100 किलो सीएनजी भरी जाती है. लेकिन आज लॉन्च हुई इस सीएनजी बस में टाइप 4 कमपोजिट सिलेंडर लगा है. इस कंपोजिट सिलेंडर में 225 से लेकर 275 किलो सीएनजी एक बार में भरी जाती है. इसीलिए यह बस एक बार में सीएनजी भरवाने के बाद एक हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर सकती है. स्टील सिलेंडर के मुकाबले कम अपोजिट सिलेंडर वजन में 70 फ़ीसदी हल्के हैं और इन में गैस भरने की क्षमता भी सामान्य सिलेंडर से ज्यादा है.
कौन सी है वह बस
इस परियोजना में इस्तेमाल होने वाली बस के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अमेरिका की एजीलिटी फ्यूल सॉल्यूशंस और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड यानी आईजीएल के साथ मिलकर काम किया है. इस बस के जरिए जहां लंबी दूरी तय की जा सकेगी वहीं दूसरी तरफ बार-बार सीएनजी भरवाने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी.
कहां चलेगी यह बस
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बस लॉन्च करते समय बताया कि शुरुआत में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के साथ पांच बसों का करार किया है. इस करार के तहत शुरुआत में यह 5 बसें दिल्ली से देहरादून का सफर तय किया करेंगी. उन्होंने बताया कि जल्द ही दिल्ली से जयपुर-दिल्ली से चंडीगढ़ और दिल्ली से आगरा समेत पांच अन्य रूटों पर भी यह बस शुरू की जाएंगी. उन्होंने बताया कि मंत्रालय का मकसद है कि राजधानी दिल्ली के चारों तरफ ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाए जहां पर पारंपरिक इंधन जैसे डीजल और पेट्रोल की खपत को कम किया जाए. वहीं दूसरी तरफ सीएनजी पर चलने वाले वाहनों को तेजी के साथ बढ़ावा दिया जाए.