लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन और आपत्तिजनक व भ्रामक पोस्ट या मैसेज करने के मामलों में अब तक कुल 18 मुकदमे दर्ज किये गए हैं. इनमें करीब डेढ़ सौ से ज्यादा लोग नामजद हुए हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग गिरफ्तार किए गए हैं. अकेले मऊ जनपद के 28 व्यक्तियों सहित कुल 113 व्यक्तियों को हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.


गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के बाद दिल्ली और फिर अलीगढ़ स्थित एएमयू में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में छात्रों ने जमकर बवाल किया था. अलीगढ़ के बाद लखनऊ, कानपुर, आजमगढ़, वाराणसी और मऊ में भी प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया. लखनऊ में नदवा कॉलेज पर प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया था. इसके अलावा मऊ में भी भारी हिंसा की खबरें आईं थी. इसी बीच उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस अफसरों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर लगातार नजर रखने के निर्देश जारी किए थे. यह भी कहा था कि अफवाह फैलाने वाले और कानून व्यवस्था के खिलाफ काम करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.


ऐसे में अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ डेढ़ दर्जन मुकदमे दर्ज किए गए हैं. साथ ही व्हाट्स एप नंबर 08874327341 जारी करके लोगों से गोपनीय सूचना देने की अपील भी की है. डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्य योजना तैयार कर कार्रवाई करने के लिए यूपी पुलिस को आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए हैं. जनपदों में जोनल या सेक्टर स्कीम लागू की जाए. इसके अलावा सभी जनपदों को जोन या सेक्टरों में बांटकर हर एक जोन या सेक्टर में एक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाए. जनपदों में पुलिस पिकेट और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती हो. सभी जिलों के स्कूलों,कॉलेजों, मदरसों व अन्य के प्रधानाचार्य से पुलिस समन्वय स्थापित कर सहयोग करने की अपील करें.


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