नई दिल्ली: राम मंदिर के लिए बने ट्रस्ट में एक दलित सदस्य भी होंगे. कुल 15 सदस्य होंगे. इसका एलान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया. ट्वीट कर उन्होंने इस बात की जानकारी दी. अब से तीस साल पहले राम मंदिर की नींव भी एक दलित ने रखी थी. ये बात 1989 की है. उस समय की राजीव गांधी सरकार ने इसके लिए इजाज़त दी थी. शिलान्यास के लिए अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के कामेश्वर चौपाल ने पहली ईंट रखी थी. चौपाल उन दिनों वीएचपी के संयुक्त सचिव हुआ करते थे. चौपाल बाद में बिहार से बीजेपी के दो बार एमएलसी भी बनाए गए.


1989 में देश भर में राम मंदिर के लिए शिलापूजन हुआ था. जगह जगह से ईंटें अयोध्या मंगाई गई थीं. प्रस्तावित राम मंदिर के लिए पहली ईंट कामेश्वर चौपाल ने रखी थी.ये फ़ैसला विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंहल का था. मंदिर की नींव रखने के बाद चौपाल ने तब कहा था कि जैसे रामजी को शबरी ने बेर खिलाया था. वैसा ही मान सम्मान मुझे भी मिला है.


चौपाल बिहार के सुपौल ज़िले के रहने वाले हैं. तब उनकी उम्र 35 साल की थी. 9 नवंबर 1989 को जब विवादित जगह के पास शिलान्यास हुआ था, राजीव गांधी देश के पीएम थे. शाहबानो केस को लेकर वे राजनैतिक दवाब में थे. उन्हें डर था कि कहीं उनकी छवि हिंदू विरोधी नेता की न बन जाए. ऐसे में हिंदू समाज को लुभाने के लिए उन्होंने हिंदू संगठनों को शिलान्यास की इजाज़त दे दी थी.


अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास से पहले वीएचपी ने देश भर में यात्राएँ निकाली. जगह जगह राम के नाम पर ईंटों की पूजा हुई. इन्हें अयोध्या लाया गया. आज भी हज़ारों ऐसा ईंटें राम जन्म भूमि न्यास के कार्यशाला में रखी हुई हैं. अयोध्या वाले राम भक्त इनकी पूजा भी करते रहे हैं.


पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज ही श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र बनाने का एलान लोकसभा में किया है. अमित शाह ने ट्वीट कर बताया है कि ट्रस्ट के 15 में से एक दलित सदस्य होंगे. लेकिन नाम के बारे में अभी खुलासा नहीं हुआ है