(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एक और कंपनी ने शुरू की पीरियड लीव, क्या सच में बदल रही महिलाओं के लिए दुनिया, भारत में क्या हैं हाल
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक रिसर्च में कहा गया है कि मासिक धर्म के दौरान एक महिला को उतना दर्द होता है, जितना एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने पर होता है.
Period Leave For Working Women: पीरियड के दिनों में कामकाजी महिलाओं को बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ता है. पेट और में दर्द, ऐंठन ऐसी बहुत सी बातें हैं जिनके चलते कामकाजी महिला के लिए बहुत मुश्किल आती है. ऐसे में कार्यस्थल पर उनके लिए एक बेहतर माहौल देने को लेकर पूरी दुनिया में बहस तेज है. यही वजह है कि कई कंपनियों ने महिलाओं को पीरियड के दिनों में छुट्टी दिए जाने की पहल शुरू की है. स्विगी और जोमैटो जैसी बड़ी कंपनियां भी इनमें हैं. अब दिल्ली की एक बड़ी कंपनी ने भी महिलाओं के लिए पीरियड लीव दिए जाने की घोषणा की है.
इलेक्ट्रिक सामान बनाने वाली कंपनी ओरिएंट इलेक्ट्रिक ने अपने सभी महिला कर्मचारियों के लिए पीरियड लीव की घोषणा की है. कंपनी की नई नीति की घोषणा महिलाओं को एक बेहतर माहौल देने की कोशिश है जिसमें महिलाएं स्वास्थ्य के बारे में बात करने या फिर छुट्टियों के लिए आवेदन करने में उन्हें किसी तरह की शर्म न महसूस हो.
भारत में ये कंपनियां दे रही हैं पीरियड लीव
इसके साथ ही ओरिएंट भी उन भारतीय कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है जो अपने यहां काम कर रही महिलाओं को पीरियड लीव दे रहे हैं. जो कंपनियां पीरियड लीव दे रही हैं उनमें स्विगी, जोमैटो, बायजू, मातृभूमि, मैग्जटर, वेट एंड ड्राई, कल्चर मशीन, इंडस्ट्रीARC, गोजूप ऑनलाइन, हॉर्सेज स्टेबल न्यूज, फिलमाईबिज, जयपुरकुर्ती.कॉम और ताजा नाम ओरिएंट इलेक्ट्रिक का शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
भारत में इन कंपनियों का पीरियड लीव देना अच्छा संकेत तो है, लेकिन यह संख्या काफी नहीं है. यही वजह है कि इसकी मांग तेज हो रही है. इतना ही नहीं इसी मामले को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है जिसमें देश भर में कामकाजी महिलाओं पीरियड लीव देने की मांग की गई है. याचिका को एडवोकेट शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने दायर किया है.
इसी याचिका में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन एक रिसर्च का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि मासिक धर्म के दौरान एक महिला को उतना दर्द होता है, जितना एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने पर होता है. इसमें आगे कहा गया है कि इतना दर्द किसी भी कर्मचारी की उत्पादकता पर असर डालता है और उसका कामकाज प्रभावित होता है.
बिहार में सबसे पहले शुरू हुई पीरियड लीव
बिहार की छवि एक पिछड़े राज्य के तौर पर है लेकिन जब भारत में पीरियड लीव दी जाए या नहीं, इस बात पर बहस हो रही है. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि देश में पहली बार पीरियड लीव इसी राज्य में दी गई थी. पहली बार 1992 में, तब लालू यादव की सरकार थी. 2 जनवरी 1992 से बिहार में महिलाओं को 2 दिन की पीरियड लीव दी जा रही है. बाद में 1997 में कल्चर मशीन कंपनी ने 1 दिन की पीरियड लीव देनी शुरू की, जिसका जिक्र पहले हो चुका है.
जापान पीरिडय लीव देने वाला पहला देश
अगर दुनिया की बात करें तो पीरियड लीव देने वाला सबसे पहला देश जापान है. साल था 1947. द्वितीय विश्वयुद्ध को बीते सिर्फ दो साल बीते थे और जापान एक बार फिर से खड़े होने की कोशिश कर रहा था. इस दौरान वहां नए श्रम कानून बने और पहली बार महिलाओं को पीरियड लीव का अधिकार मिला. इंडोनेशिया भी इस मामले में काफी आगे हैं. वहां 1948 से पीरियड लीव दी जा रही है. वर्तमान में ब्रिटेन, वेल्स, चीन, ताइवान, दक्षिण कोरिया और जाम्बिया जैसे देश पीरियड लीव दे रहे हैं.
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