Monkeypox In Kerala: केरल में मंकीपॉक्स का एक और केस मिल गया है. इस बात की जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दी है. उन्होंने बताया कि संक्रमित शख्स 16 जुलाई को यूएई से मल्लपपुरम आया है. उसे बुखार की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था. जहां उसमें मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षण दिखने लगे. फिलहाल मरीज के परिवार और उसके संपर्क में आने वाले लोगों पर भी निगरानी रखी जा रही है. इस केस के साथ ही राज्य में अब तक तीसरे मामले की पुष्टि हो चुकी है.  


भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को सामने आया था. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे एक 35 साल के शख्स में मंकीपॉक्स होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद एक उच्च-स्तरीय केंद्रीय टीम केरल  भेजी गई थी. इस टीम को स्वास्थ्य उपायों को लागू करने करने के लिए राज्य के अधिकारियों की मदद करने की जिम्मेदारी दी गई थी.


केरल सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए  14 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया था. इसके साथ ही राज्य के चारों हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क (Help Desks) बना दी गई.  लेकिन 13 जुलाई को दुबई से कन्नूर पहुंचे 31 साल के एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण का दूसरा मामला सामने आया जिसकी पुष्टि बीते 18 जुलाई को हुई. 




यह एक इंसान से दूसरे इंसान में एक-दूसरे की सांस ड्रॉप्लेट्स से फैलता है. हालांकि यह तभी संभव है, जब कोई दूसरा इंसान संक्रमित मरीज के साथ बहुत लंबे वक्त तक नजदीकी संपर्क में रहा हो. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मंकीपॉक्स का वायरस मरीज के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के सीधे संपर्क में आने से फैलता है. मरीज के इस्तेमाल किए गए कपड़ों के जरिए भी ये फैलता है. हालांकि,मंकीपॉक्स खास तौर पर एक जूनोसिस है, मतलब ऐसी बीमारी जो संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैलती है.


अफ्रीका में इस बीमारी के फैलने की यही वजह रही, लेकिन भारत में मंकीपॉक्स के इस तरह फैलने की संभावना बेहद कम है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि जानवरों से इंसान में मंकीपॉक्स संक्रमण केवल संक्रमित जानवरों के काटने, खरोंचने या जंगली जानवरों का मांस खाने से ही फैल सकता है. इनमें चूहे, गिलहरियां,बंदर जैसे जानवर शामिल हैं. 


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