'वन नेशन वन इलेक्शन' पर वोटिंग ने किया साबित, नहीं है दो-तिहाई बहुमत! कांग्रेस का मोदी सरकार पर निशाना
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को भारत के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास इसे पारित करने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत नहीं है.
Shashi Tharoor On One Nation One Election Bill: लोकसभा में आज पेश किए गए "एक राष्ट्र, एक चुनाव" विधेयक पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे न केवल भारत के संघीय ढांचे का उल्लंघन बताया, बल्कि इसे संसदीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा भी करार दिया. थरूर का मानना है कि यह विधेयक देश की राजनीतिक और संवैधानिक जड़ों के खिलाफ है और इसके लागू होने से भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली कमजोर हो सकती है.
शशि थरूर ने कहा "मैं अकेला नहीं हूं जिसने एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक का विरोध किया है; अधिकांश दलों ने इसका विरोध किया है. यह हमारे संविधान में निहित भारत के संघीय ढांचे का उल्लंघन है. राष्ट्र की समय-सारिणी के कारण अचानक किसी राज्य के जनादेश को क्यों छोटा किया जाना चाहिए? संसदीय प्रणाली में, आप निश्चित कार्यकाल नहीं रख सकते.उन्होंने आगे कहा "सरकारें गिरती और बढ़ती हैं, और संसदीय प्रणाली में ऐसा होना तय है. इसी कारण से दशकों पहले निश्चित कार्यकाल को बंद कर दिया गया था. यह सार्वजनिक व्यय की बर्बादी है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप वही कठिन परिस्थितियां आएंगी. आज के मतदान ने यह प्रदर्शित किया है कि भाजपा के पास संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत नहीं है.
भाजपा को नहीं मिला दो-तिहाई बहुमत
थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा के पास इस विधेयक को संविधान संशोधन के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत नहीं है. यह बताता है कि विपक्ष में मौजूद अधिकांश दल इस विधेयक के खिलाफ हैं. वहीं, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि कुल 461 वोटों में से दो तिहाई बहुमत (307) की जरूरत थी, लेकिन सरकार को केवल 263 वोट मिले, जबकि विपक्ष को 198 मिले. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव दो तिहाई समर्थन हासिल करने में विफल रहा.
बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक पेश किया, लेकिन इसे संविधान संशोधन के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत नहीं मिला।विपक्ष ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, और इसे भारत के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ बताया.
क्या है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’?
देश के लोकसभा चुनाव और निकाय व पंचायत चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं. ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का तात्पर्य भारत में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है. नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि देश में विधानसभा, लोकसभा, पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ ही हों.