One Nation One Election Reactions: केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में शुक्रवार (1 सितंबर) को वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर एक समिति गठित की है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र के दौरान कुछ विधेयक पेश सकती है.
रामनाथ कोविंद के वन नेशन वन इलेक्शन समिति के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद ये चर्चा तेज हो गई कि विशेष सत्र के दौरान सरकार 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक पेश कर सकती है.
'लोकतंत्र मजबूत होगा'
सोशल मीडिया पर #OneNationOneElection हैशटैग के साथ ट्वीट किया जा रहा है. जम्मू और कश्मीर बीजेपी के सहप्रभारी आशीष सूद ने वन नेशन वन इलेक्शन हैशटैग के साथ ट्वीट किया है.
उन्होंने लिखा, "ये चुनावी सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. मोदी जी की सरकार ने संसद में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' विधेयक के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि धन की भी बचत होगी और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत होगा."
वहीं राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने ट्वीट कर लिखा कि अगर वन नेशन वन इलेक्शन लागू होता है, तो यह अलोकतात्रिंक है. उन्होंने लिखा, 'अगर बीजेपी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ One Nation One Election को भी अपनाती है और संसद के विशेष सत्र में इस बिल को पेश करती है, तो इसका मतलब है कि बीजेपी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम चुनाव टालना चाहती है. यह लोकतंत्र नहीं है.'
अमित शाह ने दिए संकेत
इसी साल फरवरी में केंद्रीय गृह मंत्री ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "देश में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू करने का समय आ गया है. पीएम मोदी ने पंचायत स्तर से लेकर संसद तक एक चुनाव कराने की बात कही है. मुझे लगता है कि इस पर विचार करने का समय आ गया है."
इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन कानून कब लागू होगा? इस सवाल के जवाब में अमित शाह कहते हैं, "इस पर सबसे चर्चा करनी होगी. चर्चा के बाद ही ये (लागू) हो सकता है. प्रधानमंत्री ने जैसे ही इसका विचार रखा, उसके बाद से एक बहस छिड़ ही गई है. सबको लगता है कि बार बार चुनाव होना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है."
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