एक देश एक चुनाव की कमेटी को जयराम रमेश ने बताया ‘कर्मकांडीय’, टाइमिंग को लेकर भी जताया संदेह
One Nation One Election Committee: एक देश एक चुनाव की संभावना तलाशने के मकसद से बनाई गई समिति का हिस्सा बनने से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पहले ही इनकार कर चुके हैं.
Jairam Ramesh On One Nation One Election: केंद्र सरकार ने एक देश, एक चुनाव की संभावना तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाने की घोषणा की है. साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी पैरवी भी की थी. अब इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसकी टाइमिंग को लेकर संदेह जताया.
उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “जिसे वन नेशन वन इलेक्शन कहा जाता है उस पर उच्च स्तरीय समिति कर्मकांडीय व्यायाम है, जिसका समय बेहद संदेहास्पद है. इसके संदर्भ की शर्तों ने पहली ही इसकी सिफारिशें निर्धारित कर दी हैं. समिति की संरचना भी पूरी तरह ऐसी है कि गिफ्ट में मिली हो और लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कल रात बहुत ही सही तरीके से इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया.”
अधीर रंजन चौधरी ने क्यों लिया नाम वापस?
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस समिति का हिस्सा बनने के निमंत्रण को अस्वीकार करते हुए एक चिट्ठी लिखी. जिसमें उन्होंने कहा, “मुझे इस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है. मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है. इसमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम भी शामिल नहीं किया गया. ये संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का अपमान है.”
The High-level Committee on what is called “One Nation One Election” is a ritualistic exercise, the timing of which is highly suspect. Its terms of reference have already determined its recommendations. The composition of the Committee is also a total give-away and the Leader of… pic.twitter.com/9JvtalFRBC
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 3, 2023
अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक यह कमेटी संवैधानिक रूप से सही नहीं है. साथ ही यह व्यवहारिक और तार्किक रूप से भी उचित नहीं है. ये कमेटी भी तब बनाई गई है जब आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता को इस कमेटी में न रखना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है. इस हालत में मेरा पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है कि कमेटी का सदस्य बनने का निमंत्रण अस्वीकार करूं.
गठित समिति में कौन-कौन?
दरअसल, केंद्र सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन की संभावना तलाशने के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया. जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया. इसके साथ समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को सदस्य बनाया गया है.
ये भी पढ़ें: One Nation One Election: खरगे को कमेटी में न रखना उनका घोर अपमान, संजय सिंह बोले- 'केंद्र ने गठित की डमी कमेटी'