One Nation, One Election: एक देश, एक चुनाव को लेकर पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, आज वो कह रहे हैं कि एक देश, एक चुनाव सही है, कल वो यह भी कह सकते हैं कि एक देश, एक राजनीतिक दल क्यों नहीं होना चाहिए, फिर वो कह सकते हैं कि एक दल, एक नेता क्यों नहीं होना चाहिए, इसका कोई अंत नहीं है.'


पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने कहा देश का नाम लेकर आप जो यह राष्ट्रवाद फैला रहे हैं उसका अंत कहा जाकर होगा और आप उसको कैसे हासिल करेंगे. अगर आप पूरे देश में एक साथ चुनाव कराना चाहते हैं तो आपको कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाना होगा तो कुछ विधानसभाओंं का कार्यकाल घटाना भी होगा, जोकि प्रायोगिक रूप से मुमकिन नहीं है. 


क्या मुमकिन है एक साथ चुनाव कराना?
एस वाई कुरैशी ने कहा एक साथ चुनाव कराना प्रायोगिक रूप से संभव नहीं है. उन्होंने इसके पीछे की एक वजह बताते हुए कहा कि क्या जिन विधानसभाओं के कार्यकाल खत्म हो रहे हैं उनमें अगले 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा. यह पूछे जाने पर कि अगर एक साथ चुनाव होते हैं तो लॉजिस्टिक पर क्या प्रभाव पड़ेगा.


इसके जवाब में उन्होंने कहा, एक साथ चुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए बहुत सरल होगा क्योंकि इस प्रक्रिया में वोटिंग लिस्ट एक ही बार बनानी होगी, वोटर एक ही होगा, पोलिंग बूथ भी एक ही होंगे. जिला की व्यवस्था भी एक ही होगा. सुरक्षा व्यवस्था भी उतनी ही लगानी होगी इसलिए चुनाव आयोग के लिए तो यह बहुत ही सरल व्यवस्था होगी. क्योंकि चुनाव आयोग के अधिकारी 5 साल में एक बार चुनाव कराएंगे और अगले 5 साल गोल्फ खेलेंगे.


तो फिर कहां खर्च होंगे पैसे?
पूर्व चुनाव आयुक्त ने बताया कि हमें बस एक जगह पैसा खर्चा करना होगा और वह होगी हमारे लिए ईवीएम खरीदना लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इतने समय में हम ईवीएम खरीद पाएंगे और उनको काम लायक बना पाएंगे.


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